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उद्धव की पार्टी के साथ गठबंधन चाहते हैं BJP के नेता,संजय राउत के दावे से हलचल; CM फडणवीस ने दिया जवाब

महाराष्ट्र
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: January 31, 2025

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।महाराष्ट्र में सियासी हलचल तब तेज हो गई जब शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) के प्रवक्ता संजय राउत ने दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी (BJP) के कुछ नेता उद्धव ठाकरे की पार्टी के साथ गठबंधन करना चाहते हैं। राउत के इस बयान से महाराष्ट्र की राजनीति में एक नया मोड़ आया है और यह बयान भाजपा और शिवसेना के रिश्तों को लेकर कई सवाल उठाने वाला साबित हुआ है।

संजय राउत का दावा:

संजय राउत ने मीडिया से बातचीत के दौरान कहा, “BJP के कुछ वरिष्ठ नेता अब उद्धव ठाकरे की शिवसेना (उद्धव गुट) के साथ गठबंधन करने के इच्छुक हैं। यह बात भाजपा के अंदर से आ रही है और हमें यह संकेत मिल रहे हैं कि वे 2024 के चुनावों से पहले गठबंधन की संभावना पर विचार कर रहे हैं।” उनका यह दावा महाराष्ट्र में सत्ता के समीकरण को लेकर चर्चाओं का केंद्र बन गया।

राउत ने यह भी कहा कि इस प्रस्ताव की पृष्ठभूमि में “वर्तमान सरकार के अंदर की असंतोष” और “भाजपा के कई नेता उद्धव ठाकरे के साथ काम करने के इच्छुक हैं” हो सकता है। उनका यह बयान राजनीति में एक नई रणनीतिक चर्चा का रूप ले चुका है।

मुख्यमंत्री फडणवीस का जवाब:

राउत के बयान पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने पलटवार करते हुए कहा कि संजय राउत के बयान में कोई सच्चाई नहीं है। फडणवीस ने कहा, “हमारा गठबंधन शिंदे सरकार के साथ मजबूत है और हम हर चुनौती का सामना करेंगे। संजय राउत का बयान केवल उनकी व्यक्तिगत कल्पना का हिस्सा है और उसमें कोई सच्चाई नहीं है।”

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि भा.ज.पा. के पास शिवसेना (उद्धव गुट) के साथ कोई राजनीतिक गठबंधन करने का कोई इरादा नहीं है। फडणवीस ने कहा कि सरकार के कामकाज में कोई विघ्न नहीं है और यह गठबंधन शिंदे-भा.ज.पा. के साथ पूरी मजबूती से चल रहा है।

सियासी गलियारों में हलचल:

संजय राउत के बयान ने राज्य की राजनीति में हलचल मचाई है। यह बयान ऐसे समय आया है जब महाराष्ट्र में Eknath Shinde की शिवसेना और भाजपा का गठबंधन सत्ता में है, और विपक्षी पार्टी शिवसेना (उद्धव गुट) इस गठबंधन को लेकर लगातार सवाल उठाती रही है।

कई राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि राउत का बयान भाजपा और शिवसेना (उद्धव गुट) के रिश्तों में सुधार के लिए एक संकेत हो सकता है, या फिर यह किसी तरह की रणनीतिक बातचीत का हिस्सा हो सकता है। हालांकि, फिलहाल मुख्यमंत्री फडणवीस और भाजपा ने इस दावे को सिरे से नकारा किया है।

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