कैनवीज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। दिल्ली-NCR में बढ़ते प्रदूषण को लेकर ग्रेप-3 (Graded Response Action Plan) फिर से लागू कर दिया गया है। यह कदम दिल्ली-एनसीआर में वायु गुणवत्ता को सुधारने और प्रदूषण को नियंत्रित करने के उद्देश्य से उठाया गया है। ग्रेप-3 के तहत कुछ विशेष पाबंदियां लगाई गई हैं, जिनका पालन करना सभी नागरिकों और संस्थाओं के लिए अनिवार्य होगा।
ग्रेप-3 के तहत लागू की गई पाबंदियां:
कंस्ट्रक्शन एक्टिविटी पर रोक:
ग्रेप-3 के तहत, निर्माण गतिविधियों को नियंत्रित किया जाएगा। साइटों पर कंस्ट्रक्शन कार्य, जैसे कि निर्माण और तोड़फोड़, को रोकने का आदेश दिया गया है, ताकि धूल और कचरे के कारण प्रदूषण को कम किया जा सके।
पार्किंग और सड़क किनारे धूल पर नियंत्रण:
सार्वजनिक और निजी जगहों पर सड़क किनारे बिखरी धूल को साफ करने के लिए कड़ी निगरानी रखी जाएगी। सड़क के किनारों और पार्किंग क्षेत्रों को नियमित रूप से साफ करने का निर्देश दिया गया है।
डीजल जनरेटर सेट्स (DG Sets) पर रोक:
दिल्ली-NCR में डीजल जनरेटर सेट्स के उपयोग को सीमित किया जाएगा, खासकर उन क्षेत्रों में जहां वायु गुणवत्ता खराब हो। यह कदम वायु प्रदूषण को कम करने के उद्देश्य से उठाया गया है।
वाहनों के प्रदूषण पर नियंत्रण:
पुराने और प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों को सड़कों से हटाने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसके साथ ही, वाहनों की नियमित जांच और मेंटेनेंस की प्रक्रिया पर ध्यान दिया जाएगा।
हॉट मिक्स प्लांट्स और स्टोन क्रशिंग पर पाबंदी:
सड़क निर्माण के दौरान हॉट मिक्स प्लांट्स और स्टोन क्रशिंग मशीनों के संचालन पर प्रतिबंध लगाया जाएगा, क्योंकि ये प्रक्रिया वायु को प्रदूषित करती हैं।
अंतरराज्यीय परिवहन पर निगरानी:
दिल्ली में प्रवेश करने वाले भारी वाहनों पर सख्ती से निगरानी रखी जाएगी। खासतौर पर उन वाहनों को रोकने की कोशिश की जाएगी जो वायु गुणवत्ता को नुकसान पहुंचाते हैं।
समीक्षा और निगरानी: दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप-3 लागू होने के बाद, राज्य सरकार और पर्यावरण विभाग लगातार प्रदूषण स्तर की समीक्षा करेंगे और जरूरत पड़ने पर और कड़े कदम उठाए जाएंगे। वायु गुणवत्ता में सुधार को लेकर समय-समय पर रिपोर्ट जारी की जाएगी और सभी संबंधित विभागों से कार्रवाई की मांग की जाएगी।
निष्कर्ष: ग्रेप-3 के लागू होने से दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को नियंत्रित करने में मदद मिलेगी। हालांकि, इस योजना का सफल क्रियान्वयन केवल तभी संभव है जब नागरिक और सरकारी विभाग मिलकर काम करें और इन पाबंदियों का कड़ाई से पालन करें। प्रदूषण पर काबू पाना दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों के लिए एक बड़ी चुनौती है, और यह कदम उसी दिशा में एक अहम पहल है।