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फ्लाइट में स्मोकिंग की मनाही, फिर भी टॉयलेट में ऐशट्रे क्यों मौजूद हैं?

जब फ्लाइट में स्मोकिंग बैन है, तो फिर टॉयलेट्स में ऐशट्रे क्यों होते हैं? जानें इसके पीछे की सेफ्टी से जुड़ी जरूरी वजह, जो यात्रियों की सुरक्षा से जुड़ी है।
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: June 17, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क । 

अगर आप कभी फ्लाइट में सफर कर चुके हैं तो आपने जरूर देखा होगा कि एयरप्लेन के टॉयलेट्स में एक ऐशट्रे यानी सिगरेट बुझाने की जगह होती है। यह देखकर अक्सर लोगों के मन में सवाल उठता है कि जब फ्लाइट में सिगरेट पीना पूरी तरह बैन है, तो फिर ऐशट्रे क्यों लगाया जाता है? असल में, यह एयरलाइन सुरक्षा नियमों के तहत एक ज़रूरी व्यवस्था है। भले ही फ्लाइट में स्मोकिंग अवैध है और इसके लिए भारी जुर्माना या जेल तक की सज़ा हो सकती है, लेकिन इसके बावजूद माना जाता है कि कुछ यात्री नियम तोड़ सकते हैं और चोरी-छिपे सिगरेट पी सकते हैं। ऐसे में अगर कोई यात्री टॉयलेट में जाकर सिगरेट पीता है और उसे बुझाने के लिए ऐशट्रे न हो, तो वह जलती हुई सिगरेट को कहीं और फेंक सकता है, जिससे आग लगने का खतरा बढ़ जाता है। इसीलिए इंटरनेशनल एविएशन सेफ्टी रेगुलेशंस के मुताबिक, हर एयरक्राफ्ट के टॉयलेट्स में ऐशट्रे होना अनिवार्य है। ताकि कोई भी यात्री अगर नियम तोड़े, तो भी उससे कोई बड़ा हादसा न हो। यह एक प्रकार का बैकअप सेफ्टी फीचर है। यानी ऐशट्रे का होना यह नहीं दर्शाता कि स्मोकिंग की अनुमति है, बल्कि यह मानकर लगाया जाता है कि कोई यात्री अगर गलती कर भी बैठे, तो उससे फ्लाइट की सुरक्षा को खतरा न हो।

 

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