कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क । मध्य प्रदेश के भोपाल में कई कारोबारियों के यहां लोकायुक्त और आयकर विभाग के छापे पड़ रहे हैं। इस बीच भोपाल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। बता दें कि मेंडोरी के जंगल में खड़ी एक गाड़ी (कार) में 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद मिले हैं। गुरुवार- शुक्रवार की दरमियानी रात 30 गाड़ियों में पहुंची आयकर विभाग और पुलिस की टीम ने वाहन को पकड़ा है।मध्य प्रदेश के भोपाल में आयकर विभाग (आईटी) की छापेमारी के दौरान एक हैरान करने वाला खुलासा हुआ है। अधिकारियों ने जंगल में खड़ी एक कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपए नकद बरामद किए हैं। यह कार्रवाई एक बड़े ब्लैकमनी और संपत्ति के दुरुपयोग से जुड़ी छानबीन के तहत की गई थी।
कैसे हुई छापेमारी?
आयकर विभाग को लंबे समय से इस मामले में खुफिया सूचना मिल रही थी कि कुछ लोग अवैध तरीके से भारी मात्रा में सोना और नकदी इकट्ठा कर रहे हैं। इसके बाद, विभाग ने एक विशेष ऑपरेशन के तहत छापेमारी शुरू की। छापेमारी के दौरान भोपाल के एक जंगल क्षेत्र में खड़ी एक संदिग्ध कार से 52 किलो सोना और 10 करोड़ रुपये नकद बरामद हुए। यह सोना और नकद रकम ब्लैकमनी के रूप में जमा की गई थी, जिसे विभिन्न गैरकानूनी गतिविधियों से अर्जित किया गया था।
किसका है सोना और नकदी?
आईटी विभाग ने फिलहाल इन सोने और पैसे की मालिकाना जानकारी की पुष्टि नहीं की है, लेकिन प्रारंभिक जांच के मुताबिक यह रकम और सोना कथित तौर पर कुछ बड़े व्यापारियों और वित्तीय नेटवर्क से जुड़ा हुआ है। आयकर विभाग ने इस मामले में कई व्यक्तियों से पूछताछ शुरू कर दी है और आरोपियों को गिरफ्तार करने की प्रक्रिया चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि यह एक बड़ी काले धन की रैकेट का हिस्सा हो सकता है, जिसे समय समय पर बाहर निकालने के प्रयास किए जाते थे।
नकद और सोने का इस्तेमाल क्या था?
जानकारी के मुताबिक, यह नकद और सोना अवैध व्यापार, कर चोरी और अन्य वित्तीय गतिविधियों के लिए इस्तेमाल होने वाला था। इस मामले में कई रियल एस्टेट कंपनियों और कारोबारियों का नाम सामने आ सकता है, जो इस बड़े नेटवर्क में शामिल हो सकते हैं। आईटी विभाग ने मामले की गहराई से जांच करने का आश्वासन दिया है और इसके पीछे के वित्तीय संरचना को उजागर करने के लिए दस्तावेजों की सघन जांच की जा रही है । आईटी विभाग के अधिकारियों ने कार के मालिक और इसके संबंधियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की योजना बनाई है। विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि यह छापेमारी अवैध संपत्ति और काले धन के खिलाफ चल रही एक बड़ी मुहिम का हिस्सा है। उन्होंने कहा कि आयकर विभाग ऐसे मामलों की जांच करके देश में काले धन की सफाई करने के लिए प्रतिबद्ध है।
ब्लैकमनी और कर चोरी पर सख्त कार्रवाई:
इस छापेमारी से यह स्पष्ट हो गया है कि ब्लैकमनी और कर चोरी से जुड़ी गतिविधियों को लेकर आयकर विभाग बेहद सक्रिय है। सरकार ने काले धन के खिलाफ कई कदम उठाए हैं, लेकिन इस तरह के मामले लगातार सामने आ रहे हैं, जो वित्तीय पारदर्शिता को चुनौती देते हैं। आयकर विभाग की यह छापेमारी उन लोगों के लिए एक चेतावनी है, जो अवैध रूप से संपत्ति जमा करने और काले धन के लेन-देन में शामिल हैं।