बीकेटी,लखनऊम
हामाया राजकीय महाविद्यालय महोना लखनऊ में विशेष एक दिवसीय शिविर के अंतर्गत विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया,इसके पश्चात पर्यावरण जागरूकता हेतु राष्ट्रीय सेवा योजना के स्वयंसेवकों ने महाविद्यालय परिसर में आरोपित पौधों की सिंचाई की और पौधों की साफ-सफाई एवं देखभाल किया।विश्व मानव अधिकार के अवसर पर महाविद्यालय में आयोजित उक्त संगोष्ठी की अध्यक्षता परीक्षा प्रभारी डॉ अमित कुमार यादव ने किया।कार्यक्रम अधिकारी डॉ जितेंद्र यादव ने छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि मानवाधिकारों की सार्वभौम घोषणा 10 दिसंबर 1948 को संयुक्त राष्ट्र की महासभा द्वारा किया गया।वर्तमान में विश्व के अधिकांश राष्ट्र मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा पर अपनी सहमति प्रदान कर चुके हैं। भारत में मौलिक अधिकारों के तहत विभिन्न मानव अधिकारों को सुरक्षित किया गया है इसके साथ ही समय-समय पर विभिन्न विधयकों जैसे दहेज उन्मूलन विधयक,खाद्य सुरक्षा विधेयक,सूचना अधिकार विधेयक,शिक्षा का अधिकार विधेयक आदि के तहत विभिन्न मानवाधिकारों को सुरक्षा प्रदान की गई है।डॉ ममता मधुर ने संगोष्ठी में अपने विचारों को व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय संविधान में महिलाओं के अधिकारों को बिना किसी भेदभाव के प्रदान किया गया है इसके साथ ही मिशन शक्ति द्वारा भी महिला के मानवाधिकारों को सुरक्षित किया जा रहा है।संगोष्ठी की अध्यक्षता करते हुए डॉ अमित कुमार यादव ने कहा कि शिक्षा का अधिकार एक महत्वपूर्ण अधिकार है जो अन्य अधिकारों के लिए आधारशिला का कार्य करता है।इस अवसर पर स्वयंसेवकों ने भी अपने विचारों को व्यक्त किया संगोष्ठी के पश्चात पर्यावरण जागरूकता हेतु स्वयंसेवकों ने महाविद्यालय परिसर में रोपित पौधों की सिंचाई की और उनकी देखभाल करने का संकल्प लिया।