कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
रेलवे ने मातृत्व और पितृत्व अवकाश से जुड़ी नीतियों में बड़ा बदलाव करते हुए सरोगेसी और गोद लेने के मामलों को भी विशेष रूप से शामिल किया है। अब सरोगेट मां के साथ-साथ कमीशनिंग मदर को भी 180 दिनों का मातृत्व अवकाश मिलेगा, जिसमें उन्हें पूरा वेतन भी दिया जाएगा। यह अवकाश तभी मान्य होगा जब उनके दो से कम जीवित बच्चे हों। पुरुष रेलकर्मी अगर सरोगेसी या गोद लेने के जरिए बच्चा प्राप्त करते हैं, तो उन्हें भी राहत दी गई है। ऐसे मामलों में कमीशनिंग पिता को छह माह के अंदर 15 दिन का पितृत्व अवकाश दिया जा सकता है। अगर पुरुष रेलकर्मी एक वर्ष से कम आयु का बच्चा वैध रूप से गोद लेते हैं, तो उन्हें भी 15 दिनों का पितृत्व अवकाश वेतन सहित दिया जाएगा। हालांकि, यह अवकाश बच्चे को गोद लेने के छह महीने के अंदर ही लिया जाना अनिवार्य है, अन्यथा यह अमान्य हो जाएगा। महिला रेलकर्मी के लिए भी गोद लिए गए एक वर्ष से कम आयु के बच्चे की स्थिति में 180 दिनों का मातृत्व अवकाश अनुमन्य होगा। इसके अलावा, दिव्यांग बच्चों की देखभाल और मिसकैरेज के मामलों में भी महिला कर्मचारियों को विशेष अवकाश की सुविधा दी गई है। रेलवे द्वारा लागू की गई यह नई नीति समावेशीता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।