कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
उत्तर प्रदेश राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को पारदर्शी और सुदृढ़ बनाने के लिए सरकार ने राशन कार्ड धारकों की ई-केवाईसी (इलेक्ट्रॉनिक नो योर कंज्यूमर) अनिवार्य कर दी है। इस प्रक्रिया को पूरा करने के लिए सरकार ने 30 जून 2025 तक की समय-सीमा निर्धारित की है। अब भी प्रदेश के करीब 15% उपभोक्ताओं ने ई-केवाईसी नहीं कराई है, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ सकती हैं। शासन की ओर से निर्देश दिए गए हैं कि ई-केवाईसी नहीं कराने वालों को इस माह राशन वितरण से वंचित किया जाए, और अंतिम तिथि तक सत्यापन न कराने पर स्थायी रूप से नाम सूची से हटाया जा सकता है। ई-केवाईसी प्रक्रिया को सफल बनाने के लिए सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानों के कोटेदारों को इसकी जिम्मेदारी दी गई है। उपभोक्ता देश के किसी भी हिस्से से ई-केवाईसी करा सकते हैं।
तहसील क्षेत्र की बात करें तो यहां 125 सरकारी सस्ते गल्ले की दुकानें संचालित हो रही हैं, जिन पर 59,932 राशन कार्ड धारक पंजीकृत हैं। इनमें 2,61,697 यूनिट दर्ज हैं, जिन्हें हर महीने राशन वितरित किया जाता है। अब तक 2,22,019 यूनिट की ई-केवाईसी पूरी हो चुकी है, जबकि शेष उपभोक्ता अभी भी प्रक्रिया से वंचित हैं। आपूर्ति विभाग के अनुसार यदि निर्धारित तिथि तक शेष उपभोक्ता ई-केवाईसी नहीं कराते हैं, तो उनके नाम राशन लाभार्थियों की सूची से हटा दिए जाएंगे और उन्हें भविष्य में खाद्यान्न नहीं मिलेगा। प्रशासन ने सभी राशन कार्ड धारकों से अपील की है कि समय रहते अपने व परिवार के सभी सदस्यों की ई-केवाईसी नजदीकी कोटेदार या जन सेवा केंद्र पर जाकर अवश्य कराएं, ताकि किसी भी प्रकार की असुविधा से बचा जा सके।