कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।
1. सर्दियों में Stretching की अहमियत
सर्दियों में शरीर में गर्मी की कमी होने के कारण मांसपेशियाँ अकड़ने लगती हैं, जिससे शरीर में दर्द और खिंचाव हो सकता है। ऐसे में स्ट्रेचिंग करना बेहद फायदेमंद साबित होता है। यह ना सिर्फ शरीर को गर्म करता है, बल्कि रक्त संचार को भी बेहतर बनाता है। सर्दियों में सही तरीके से स्ट्रेचिंग करने से शरीर को आराम मिलता है और ऊर्जा बनी रहती है।
2. आलस्य को दूर करता है
सर्दियों में अक्सर आलस और थकान महसूस होती है, क्योंकि ठंड में उठने का मन नहीं करता। लेकिन सुबह-सुबह कुछ मिनटों की स्ट्रेचिंग से पूरे दिन की ऊर्जा मिल सकती है। इससे शरीर में एक ताजगी आती है और दिनभर की सक्रियता को बढ़ावा मिलता है। स्ट्रेचिंग से एंडोर्फिन हार्मोन का स्राव होता है, जो मूड को बेहतर करता है और मानसिक थकावट को भी दूर करता है।
3. मांसपेशियों की लचीलापन बढ़ाता है
सर्दियों में मांसपेशियाँ सख्त और अकड़ी हुई महसूस होती हैं, खासकर ठंडे मौसम में। नियमित स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों की लचीलापन बढ़ती है, जो चोटों और मांसपेशियों में खिंचाव से बचाती है। यह लचीलापन बढ़ाकर मांसपेशियों को मजबूत बनाता है और शरीर को अधिक सक्रिय रखता है।
4. रक्त संचार को बढ़ावा देता है
स्ट्रेचिंग से शरीर के हर अंग में रक्त का संचार बेहतर होता है, जिससे शरीर में ऊर्जा बनी रहती है। यह रक्तदाब को नियंत्रित करता है और हृदय स्वास्थ्य को भी बेहतर बनाता है। ठंड में जब रक्त संचार धीमा होता है, स्ट्रेचिंग करने से यह सामान्य होता है और शरीर में गर्मी का एहसास होता है।
5. मनोबल को बढ़ाता है
सर्दियों में शरीर के साथ-साथ मानसिक स्थिति भी प्रभावित होती है। ठंड के मौसम में अक्सर लोग मानसिक थकावट और तनाव का सामना करते हैं। नियमित स्ट्रेचिंग से मानसिक शांति मिलती है, जो दिनभर की चुनौतियों का सामना करने में मदद करती है। यह ध्यान और शांति की स्थिति में मदद करता है, जिससे मानसिक तनाव दूर होता है।
6. नींद में सुधार
स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों के तनाव में राहत मिलती है और इससे नींद की गुणवत्ता में सुधार होता है। सर्दियों में लोग अकसर ज्यादा सोने की कोशिश करते हैं, लेकिन शरीर के दर्द और थकान की वजह से पूरी नींद नहीं आती। स्ट्रेचिंग से शरीर रिलैक्स होता है और एक गहरी नींद आती है।
7. वजन नियंत्रण में मदद करता है
सर्दियों में लोग खानपान और खाने की आदतों के कारण वजन बढ़ाने लगते हैं, लेकिन स्ट्रेचिंग से शरीर की कैलोरी बर्न करने की क्षमता बढ़ती है। इससे वजन नियंत्रित रहता है और शरीर चुस्त-दुरुस्त बना रहता है। स्ट्रेचिंग के साथ थोड़ी-सी कार्डियो एक्सरसाइज भी करने से वजन नियंत्रण में और मदद मिलती है।
8. जोड़ों के दर्द में राहत
सर्दी के मौसम में गठिया और जोड़ों के दर्द की समस्या बढ़ सकती है। स्ट्रेचिंग और हल्के-फुल्के व्यायाम से जोड़ों में लचीलापन बढ़ता है, जिससे दर्द कम होता है और उनकी गति में सुधार होता है। यह विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए फायदेमंद हो सकता है।
9. स्ट्रेचिंग रूटीन बनाने के आसान तरीके
• पाँच मिनट का रूटीन: अगर सुबह जल्दी उठना मुश्किल लगता है तो पाँच मिनट का स्ट्रेचिंग रूटीन शुरू करें। इससे शरीर को एक हल्की शुरुआत मिलेगी।
• साधारण स्ट्रेचिंग: जैसे- गर्दन घुमाना, कंधे घुमाना, हाथों की स्ट्रेचिंग, पैरों की स्ट्रेचिंग आदि।
• वॉर्म-अप और कूल-डाउन: व्यायाम से पहले और बाद में स्ट्रेचिंग करना जरूरी होता है ताकि मांसपेशियाँ गर्म और आरामदायक बनी रहें।
सर्दियों में स्ट्रेचिंग करना ना सिर्फ शारीरिक रूप से फायदेमंद है, बल्कि मानसिक शांति और मानसिक स्वस्थ्य के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसे अपने दैनिक जीवन का हिस्सा बनाकर आप ना सिर्फ आलस्य से छुटकारा पा सकते हैं, बल्कि दिनभर ऊर्जावान और स्वस्थ भी रह सकते हैं।