*टेक्नोलॉजी डेस्क, लखनऊ।* इस साल की शुरुआत में प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क (PM-WANI) स्कीम लॉन्च की गई थी। इस योजना का उद्देश्य देशभर के पब्लिक प्लेस पर लोगों को इंटरनेट से जोड़ने की सुविधा देना है। वर्तमान में लाखों लोग इस सर्विस का लाभ उठा रहे हैं। पब्लिक वाई-फाई अब हर जगह उपलब्ध है, जैसे कि कैफे, रेलवे स्टेशन, एयरपोर्ट, और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन नेटवर्क्स से कनेक्ट होने से आपका डेटा खतरे में पड़ सकता है?
फ्री होने के कारण पब्लिक वाई-फाई नेटवर्क कई लोगों के लिए सुविधाजनक लगता है। अधिकतर यूजर्स अपने डिवाइस को ऑटो-कनेक्ट पर रखते हैं, जिससे उनका कनेक्शन स्वचालित रूप से किसी भी उपलब्ध वाई-फाई नेटवर्क से जुड़ जाता है। लेकिन ये नेटवर्क्स सुरक्षा और गोपनीयता के जोखिम को बढ़ा सकते हैं, खासकर खुले और अनसिक्योर नेटवर्क्स पर। पिछले कुछ महीनों में पब्लिक वाई-फाई के माध्यम से कई स्कैम सामने आए हैं, जहां स्कैमर्स ने लोगों को धोखा देने के लिए इन नेटवर्क्स का इस्तेमाल किया।
यहां हम कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा कर रहे हैं, जिन्हें पब्लिक वाई-फाई का उपयोग करते वक्त हमेशा ध्यान में रखना चाहिए।
पब्लिक वाई-फाई क्या है?
पब्लिक वाई-फाई एक ओपन नेटवर्क होता है, जो आमतौर पर पब्लिक स्थानों पर फ्री में उपलब्ध होता है। इसका इस्तेमाल करने के लिए यूजर्स को किसी प्रकार की वेरिफिकेशन या अनुमति की आवश्यकता नहीं होती। इसे सरल शब्दों में समझें तो, हर वह वाई-फाई नेटवर्क जो आपके घर या निजी क्षेत्र के बाहर उपलब्ध हो, वह पब्लिक वाई-फाई कहलाता है। यह खासकर उन लोगों के लिए सहायक होता है, जो ऐसे क्षेत्रों में हैं जहां मोबाइल कनेक्टिविटी कमजोर है। वर्तमान समय में, कैफे, मॉल, और अन्य सार्वजनिक स्थल पब्लिक वाई-फाई की सुविधा प्रदान करते हैं।
पब्लिक वाई-फाई से जुड़ी सुरक्षा जोखिम
अब सवाल यह उठता है कि क्या पब्लिक वाई-फाई सुरक्षित है? तो इसका उत्तर साफ है - नहीं। पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल बिना किसी वेरिफिकेशन के कोई भी कर सकता है, जो इसे सुरक्षा की दृष्टि से जोखिमपूर्ण बना देता है। स्कैमर्स आसानी से इन नेटवर्क्स का इस्तेमाल करके लोगों को धोखा दे सकते हैं और उनके डिवाइस तक पहुंच बना सकते हैं। हैकर्स पब्लिक वाई-फाई के माध्यम से आपकी सोशल मीडिया आईडी, पासवर्ड, बैंक अकाउंट की जानकारी और अन्य व्यक्तिगत डेटा चुरा सकते हैं।
अनसिक्योर नेटवर्क की पहचान
कुछ संकेत हैं जिनसे आप जान सकते हैं कि यह नेटवर्क सुरक्षित नहीं है:
• कोई पासवर्ड नहीं: अगर नेटवर्क कनेक्ट करने के लिए पासवर्ड की आवश्यकता नहीं है, तो यह एक असुरक्षित नेटवर्क हो सकता है।
• HTTPS एन्क्रिप्शन की कमी: यदि वेबसाइट पर HTTPS का उपयोग नहीं हो रहा है, तो वह वेबसाइट असुरक्षित हो सकती है।
• WPA2 या WPA3 एन्क्रिप्शन की कमी: यदि नेटवर्क WPA2 या WPA3 एन्क्रिप्शन से सुरक्षित नहीं है, तो यह हैकिंग के लिए संवेदनशील हो सकता है।
• टर्म्स ऑफ यूज या लॉगिन पेज नहीं है: यदि नेटवर्क में टर्म्स ऑफ यूज या लॉगिन पेज नहीं है, तो यह संकेत हो सकता है कि नेटवर्क सिक्योर नहीं है।
• एक जैसे नाम वाले कई नेटवर्क: यदि एक ही जगह पर एक जैसे नाम वाले कई नेटवर्क दिख रहे हैं, तो यह भी धोखाधड़ी का संकेत हो सकता है।
• VPN का इस्तेमाल: VPN इस्तेमाल करने से आपकी सुरक्षा थोड़ी बेहतर हो सकती है, लेकिन यह पूरी तरह से सुरक्षित नहीं है।
• पॉप-अप एडवर्टाइजमेंट पर क्लिक से बचें: पॉप-अप विज्ञापनों पर क्लिक करने से बचें, क्योंकि वे मैलवेयर या वायरस का कारण बन सकते हैं।
पब्लिक वाई-फाई से सुरक्षित इस्तेमाल की सावधानियां
• बैंकिंग या वित्तीय लेन-देन से बचें: पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते समय बैंकिंग या किसी भी प्रकार के संवेदनशील ट्रांजैक्शन से बचना चाहिए।
• नेटवर्क प्रोवाइडर की जानकारी प्राप्त करें: पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करने से पहले यह सुनिश्चित करें कि यह नेटवर्क किस प्रोवाइडर द्वारा उपलब्ध कराया गया है और इसकी सुरक्षा स्थिति के बारे में जानकारी लें।
अंत में, पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल सुविधाजनक हो सकता है, लेकिन इसके साथ आने वाले सुरक्षा जोखिमों को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। आपको अपने डेटा और व्यक्तिगत जानकारी को सुरक्षित रखने के लिए हमेशा सावधानी बरतनी चाहिए।