कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। संभल जिले के समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर रहमान बर्क पर बिजली चोरी का गंभीर आरोप लगा है। उनके घर में 14 पंखे, 28 लाइटें, 3 एयर कंडीशनर (AC), 1 फ्रिज और 1 गीजर के बावजूद पिछले कई महीनों से बिजली की खपत जीरो यूनिट आ रही थी, जो बिजली विभाग के रडार पर आया। इसके बाद बिजली विभाग ने उनके घर की जांच की, और पाया कि इस मामले में सांसद पर 1 करोड़ 91 लाख रुपये का बकाया है।
बिजली विभाग का एक्शन
बिजली विभाग ने जियाउर रहमान बर्क के घर के पुराने मीटरों को हटा दिया है और उन्हें जांच के लिए लैब में भेज दिया है। सांसद के घर में कुल 4 किलोवाट का मीटर लगाया गया था, और उनके घर में बिजली की खपत के बावजूद मीटर के द्वारा कोई खपत नहीं दिखाई दे रही थी, जो कि एक संदिग्ध स्थिति थी।
बिजली विभाग के अधिकारी बताते हैं कि सांसद के घर में दो बिजली कनेक्शन थे— एक कनेक्शन सांसद जियाउर रहमान के नाम पर था, और दूसरा कनेक्शन उनके दादा शफीक-उर-रहमान बर्क के नाम पर था। दोनों कनेक्शन 2-2 किलोवाट के थे।
क्या था मामला?
- सांसद के घर में 14 पंखे, 28 लाइटें, 3 एसी, 1 फ्रिज और 1 गीजर चल रहे थे, जबकि बिजली बिल में कोई खपत नहीं दिख रही थी।
- बिजली विभाग ने यह पाया कि सांसद के घर में मीटर के साथ कोई गड़बड़ी की जा रही थी, जिसकी वजह से खपत सही तरीके से दर्ज नहीं हो रही थी।
- जांच के बाद विभाग ने आरोप लगाया कि सांसद के घर में बिजली चोरी हो रही थी, और इसके चलते 1.91 करोड़ रुपये का बकाया तय किया गया है।
बिजली विभाग की कार्रवाई
बिजली विभाग ने सांसद के घर के मीटर को बदलने के लिए 5-6 कर्मचारियों और सुरक्षाबलों के साथ कार्रवाई की। यह टीम सांसद के घर पहुंची और पुराने मीटर को हटा दिया, फिर उन्हें लैब भेज दिया गया ताकि इसकी जांच की जा सके। विभाग ने यह भी कहा कि इस मामले में सख्त कार्रवाई की जाएगी, और यदि यह साबित होता है कि सांसद द्वारा बिजली की चोरी की गई है, तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
सांसद का घर और बिजली खपत
सांसद का घर 200 गज के क्षेत्रफल में बना हुआ है, और यहां पर कुल 4 किलोवाट का मीटर लगा हुआ था। इस मीटर की खपत में गड़बड़ी के कारण बिजली विभाग ने मामले की गंभीरता से जांच की।
इस मामले में सांसद जियाउर रहमान बर्क पर बिजली चोरी का आरोप तो है ही, साथ ही यह भी सवाल उठता है कि इस तरह की घपलेबाजी क्यों हो रही है, जबकि उन्हें एक जन प्रतिनिधि के तौर पर आदर्श स्थापित करना चाहिए था। इस घटना से यह भी स्पष्ट होता है कि बिजली चोरी जैसे मामलों को लेकर अब अधिक कड़ी कार्रवाई की जा रही है, और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जा रहे हैं।