कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
महीने की कोई न कोई तारीख लोगों के लिए खास होती है, लेकिन कुछ तारीखें ऐसी भी हैं जो डर और अनहोनी का प्रतीक बन चुकी हैं। ऐसी ही एक तारीख है, शुक्रवार 13। दुनियाभर में इस दिन को अशुभ माना जाता है, और इसके पीछे कई दर्दनाक ऐतिहासिक घटनाएं छिपी हैं। लोगों की मान्यता है कि शुक्रवार और 13 तारीख का संयोग अनलकी होता है। यही वजह है कि कई इमारतों में 13वां फ्लोर नहीं होता, होटल्स में रूम नंबर 13 नहीं होता, यहां तक कि लिफ्ट्स में भी ये नंबर गायब रहता है। हालांकि कुछ इसे अंधविश्वास मानते हैं, लेकिन इतिहास में ऐसी कई घटनाएं दर्ज हैं जिन्होंने इस मान्यता को और मजबूत किया है।
इतिहास में दर्ज हैं खौफनाक घटनाएं:
1307 में फ्रांस: 13 अक्टूबर को शुक्रवार के दिन राजा फिलिप-IV ने धार्मिक संगठन 'नाइट्स टेम्पलर' के सैकड़ों सदस्यों को एक साथ गिरफ्तार करवा लिया। उन्हें जिंदा जलवा दिया गया और उनकी संपत्तियां जब्त कर ली गईं। यह घटना इस दिन को अशुभ मानने की पहली नींव बनी।
13 सितंबर 1940: जर्मन सेना ने लंदन स्थित बकिंघम पैलेस पर बमबारी की, जिसमें शाही परिवार बाल-बाल बचा।
13 अक्टूबर 1972: उरुग्वे का विमान एंडीज पर्वत में दुर्घटनाग्रस्त हुआ, बचने वाले लोगों ने मरे हुए यात्रियों का मांस खाकर खुद को जिंदा रखा। उसी दिन रूस की एक एरोफ्लोट फ्लाइट क्रैश में 174 लोगों की मौत हो गई।
13 नवंबर 1970: बांग्लादेश में 'भोलानदी तूफान' ने पांच लाख लोगों की जान ले ली। यह अब तक का सबसे घातक प्राकृतिक आपदा माना जाता है।
13 जनवरी 1939: ऑस्ट्रेलिया के विक्टोरिया में 'ब्लैक फ्राइडे' की भयानक आग में 71 लोगों की मौत हो गई।
13 जनवरी 2012: इटली के पास कोस्टा कॉनकोर्डिया क्रूज़ जहाज चट्टानों से टकरा गया, जिसमें कई लोगों की मौत हुई, जबकि कप्तानों ने अपनी जान बचाने में ज्यादा दिलचस्पी दिखाई।
इन सब घटनाओं ने मिलकर शुक्रवार 13 को डर और अनहोनी का प्रतीक बना दिया। शायद यही वजह है कि आज भी लोग इस दिन को लेकर सतर्क और चिंतित रहते हैं।