कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। सोमवती अमावस्या 2024 का पर्व 15 जनवरी को मनाया जाएगा, जो विशेष रूप से पितरों की शांति और सुख-समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण है। इस दिन विशेष रूप से पितरों की पूजा और तर्पण किया जाता है ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त हो सके और जीवन में कोई अड़चन न आए। यह दिन विशेष रूप से उन लोगों के लिए अहम होता है जो अपने पितरों के नाम से जुड़े धार्मिक और पारिवारिक कार्यों में सफलता पाना चाहते हैं।
पितरों को प्रसन्न करने के प्रभावी उपाय:
तर्पण और पिंड दान: सोमवती अमावस्या के दिन पितरों के तर्पण और पिंड दान से उनके आशीर्वाद को प्राप्त किया जा सकता है। इस दिन पितरों के नाम से तर्पण करने से उनके लिए शांति और मोक्ष की प्राप्ति होती है, साथ ही परिवार में सुख-समृद्धि बनी रहती है।
ध्यान और पूजा: इस दिन विशेष रूप से ध्यान और पूजा की जाती है। घर के मंदिर में दीप जलाकर या व्रत रखकर भगवान शिव और पितरों की पूजा करने से जीवन में आ रही समस्याएं समाप्त हो सकती हैं।
दान और पुण्य कार्य: इस दिन दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। खासकर गरीबों को भोजन, कपड़े या अन्य सामग्री का दान करने से पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है और जीवन में आने वाली बाधाएं दूर होती हैं।
रात्रि में दीप जलाना: रात्रि को घर में दीपक जलाने से नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है और वातावरण सकारात्मक होता है। यह उपाय पितरों के प्रति श्रद्धा और सम्मान को दर्शाता है।
नदियों में स्नान: अगर संभव हो तो इस दिन किसी पवित्र नदी में स्नान करना और वहां तर्पण करना भी पितरों के प्रति कृतज्ञता का संकेत है और इससे जीवन में आ रही समस्याओं का समाधान होता है।
इस दिन की विशेषता:
सोमवती अमावस्या पर विशेष रूप से चंद्रमा के प्रभाव से मानसिक शांति प्राप्त होती है और यह दिन व्रत रखने, पूजा करने और पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए उपयुक्त होता है। इस दिन पितरों के प्रति श्रद्धा और सम्मान के भाव से किया गया कोई भी धार्मिक कार्य लाभकारी होता है। यदि आप सोमवती अमावस्या के दिन इन उपायों का पालन करते हैं तो आपके कार्यों में आ रही रुकावटें दूर हो सकती हैं और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति बनी रह सकती है।