कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख मॉडरेट नेता सुखदेव सिंह ढींडसा का निधन हो गया है। उनकी राजनीतिक यात्रा प्रकाश सिंह बादल के साथ वर्षों तक चली, जिनके सानिध्य में उन्होंने अकाली दल की कई अहम जिम्मेदारियां निभाईं। ढींडसा ने ही सुखबीर बादल को पार्टी का प्रधान पद दिलाने में अहम भूमिका निभाई थी। 1985 में सुरजीत सिंह बरनाला की सरकार बनने पर ढींडसा मंत्री नहीं बने, जबकि वह वरिष्ठ विधायक थे। उस वक्त ऑपरेशन ब्लैक थंडर के दौरान पार्टी में मतभेद उभरे और ढींडसा ने बादल का साथ दिया। प्रकाश सिंह बादल के निधन के दो साल बाद, अब सुखदेव सिंह ढींडसा के निधन से अकाली दल का दूसरा बड़ा मॉडरेट चेहरा भी चला गया है। अकाली दल के पुराने साथी हरचरण बैंस के अनुसार, अकाली राजनीति सदैव दो धड़ों में बंटी रही है और ढींडसा हमेशा बादल के समर्थन में रहे। 2007 में जब पार्टी भाजपा के साथ गठबंधन कर सत्ता में आई, तब सुखबीर बादल महासचिव थे, लेकिन पार्टी को सत्ता में लाने की पहल ढींडसा ने की थी। उनका निधन पंजाब की राजनीति में एक युग के अंत के रूप में देखा जा रहा है।