कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
मौसम विभाग की सटीक भविष्यवाणी के अनुरूप सोमवार को अजमेर व ब्यावर सहित जिले के कई क्षेत्रों में झमाझम बारिश हुई। सुबह जैसे ही लोग स्कूल और दफ्तरों के लिए घरों से निकलने लगे, तभी आसमान में काली घटाएं छा गईं और रिमझिम फुहारों के साथ बारिश शुरू हो गई। सूर्योदय का आभास तक नहीं हुआ और पूरे शहर में अंधेरा छाया रहा। कुछ ही समय में बारिश ने मध्यम से तेज़ रफ्तार पकड़ ली, जिससे नागरिकों को आवागमन में दिक्कतें होने लगीं। पिछले दिनों की तेज बारिश से शहर की सड़कों और कॉलोनियों में जलभराव की स्थिति को देखते हुए नागरिकों में तनाव देखने को मिला। लोगों को चिंता सताने लगी कि कहीं फिर से भारी वर्षा से हालात न बिगड़ जाएं। जल संसाधन विभाग के अनुसार, इस वर्ष 15 जून से अब तक सबसे अधिक 901 मिलीमीटर वर्षा नसीराबाद क्षेत्र में दर्ज की गई है।
लगातार हो रही बारिश और बांध में तेज़ पानी की आवक के चलते बीसलपुर बांध के गेट नंबर 8, 9, 10, 11, 12 और 13 को खोल दिया गया है। डाउनस्ट्रीम क्षेत्र में 72,120 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। गेट नंबर 10 और 11 से प्रत्येक से 18,000 क्यूसेक पानी, तीन मीटर ऊंचाई तक खोलकर छोड़ा जा रहा है। वहीं गेट 9 और 12 दो मीटर, तथा गेट 8 और 13 एक मीटर ऊंचाई पर खोले गए हैं। 24 जुलाई को बीसलपुर बांध में ओवरफ्लो आने के बाद पहला गेट खोला गया था। इंजीनियरों के अनुसार बांध का जलस्तर 315.50 मीटर बनाए रखा गया है, और जितना अतिरिक्त पानी आ रहा है, उतना ही निकालने की प्रक्रिया जारी है। यह पहली बार है जब बीसलपुर बांध का अतिरिक्त पानी 90 किलोमीटर दूर स्थित ईसरदा बांध में एकत्रित किया जाएगा। हालांकि अभी वहां जल परीक्षण कार्य चल रहा है और 30 जुलाई से जल संग्रहण की प्रक्रिया प्रारंभ होगी। इसके बाद बीसलपुर से ईसरदा में पानी छोड़ने में अतिरिक्त सतर्कता बरती जाएगी। ईसरदा बांध में आसपास के तालाबों का ओवरफ्लो पानी तो आता है, लेकिन इसका मुख्य जलस्रोत बीसलपुर बांध ही है। दोनों बांध बनास नदी पर स्थित हैं, और उनके बीच के 90 किलोमीटर लंबे नदी क्षेत्र में लगातार जल प्रवाह रहेगा। इसका लाभ बनास नदी किनारे बसे 68 गांवों के किसानों और ग्रामीणों को मिलेगा। ईसरदा बांध से दौसा और सवाई माधोपुर जिलों में पेयजल आपूर्ति की जाएगी, जिससे इन क्षेत्रों में जल संकट काफी हद तक कम होने की संभावना है।