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ईरान-इजराइल में युद्ध या समझौता? ट्रंप ने दावा किया, जल्द होगी शांति

डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि वे ईरान-इजराइल के बीच समझौते की कोशिश कर रहे हैं जैसे भारत-पाक के बीच संघर्ष को रोका था। नेतन्याहू ने ईरान पर हमले को शासन परिवर्तन की ओर कदम बताया। दोनों देशों में हवाई हमले जारी हैं।
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: June 16, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क । 

ईरान और इजरायल के बीच तीसरे दिन भी युद्ध जैसे हालात बने हुए हैं। एक ओर जहां दोनों देशों के बीच हवाई हमलों का दौर जारी है, वहीं अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने दावा किया है कि वे भारत और पाकिस्तान की तरह ईरान और इजरायल के बीच भी समझौता कराने की दिशा में काम कर रहे हैं। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'ट्रुथ सोशल' पर लिखा कि वह शांति के लिए लगातार प्रयास कर रहे हैं, लेकिन उन्हें उसका श्रेय नहीं मिलता। उन्होंने कहा कि इजरायल-ईरान विवाद आसानी से खत्म हो सकता है। इसी बीच इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने कहा कि ईरान में शासन परिवर्तन इजरायल के सैन्य हमलों का संभावित परिणाम हो सकता है।

10 प्रमुख बातें:

इजरायल ने 'ऑपरेशन राइजिंग लॉयन' के तहत ईरान पर 200 फाइटर जेट्स से हमला किया।

ईरान के 9 वैज्ञानिक और 20 से ज्यादा सैन्य कमांडर मारे गए।

ईरान ने जवाबी हमले में 150 से ज्यादा मिसाइलें दागीं, नाम दिया ‘ट्रू प्रॉमिस थ्री’।

ईरान ने इजरायल के रक्षा मंत्रालय को हिट करने का दावा किया।

नेतन्याहू ने पीएम नरेंद्र मोदी से संपर्क कर हालात की जानकारी दी।

ट्रंप ने चेताया, "ईरान ने अमेरिका को निशाना बनाया तो अंजाम गंभीर होंगे"।

इजरायली राष्ट्रपति को सुरक्षित स्थान पर भेजा गया।

ईरान का दावा, इजरायल के तीन F-35 जेट गिराए।

अब तक इजरायल में 14 की मौत और 380 घायल।

ईरान में 138 से 406 के बीच मौतों की पुष्टि, 650 से ज्यादा घायल।

इजरायल ने रविवार रात भी ईरान की कई रिफायनरियों और तेल डिपो को निशाना बनाया। ड्रोन और मिसाइल हमलों से भारी नुकसान हुआ है। इस बीच अमेरिका और ईरान के बीच चल रही न्यूक्लियर डील की वार्ता रद्द हो गई है। ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अरागची ने कहा कि हम बातचीत को तैयार हैं लेकिन इजरायल को हमले रोकने होंगे। इजरायली सरकार ने फारसी भाषा में संदेश जारी कर ईरानी जनता से खामेनेई के शासन के खिलाफ खड़े होने की अपील की है। ट्रंप ने कहा कि वह मध्य-पूर्व को फिर से महान बनाना चाहते हैं और जल्द ही ईरान-इजरायल में शांति की उम्मीद है। उन्होंने बाइडन सरकार की विदेश नीति को ‘मूर्खतापूर्ण निर्णयों’ से भरा बताया।

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