कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
उत्तराखंड के देहरादून जिले में कालसी वन प्रभाग के अंतर्गत चौहड़पुर रेंज के होरावाला रजौली क्षेत्र में एक विशालकाय किंग कोबरा मिलने से हड़कंप मच गया। इस किंग कोबरा की लंबाई करीब 12 फुट से अधिक थी। रेंजर पंकज ध्यानी को जब इसकी सूचना मिली तो वन विभाग की टीम ने तुरंत मौके पर पहुंचकर दो घंटे की मशक्कत के बाद इसे सुरक्षित रेस्क्यू किया। सांप को रेस्क्यू करने पहुंचे रेंजर के साथ वन दरोगा स्वाति, वन आरक्षी पवन उपाध्याय, वीरेंद्र और सर्प मित्र आदिल मिर्जा शामिल थे। किंग कोबरा को सुरक्षित चौहड़पुर रेंज के चांदपुर बीट में आरक्षित वन क्षेत्र में छोड़ दिया गया। पछवादून में यह तीसरा मौका है जब इस खतरनाक और विषैले सांप को रेस्क्यू किया गया है। किंग कोबरा को 'सांपों का राजा' कहा जाता है क्योंकि यह अन्य सांपों को भी अपना शिकार बना लेता है। यह दुनिया के सबसे लंबे विषधर सांपों में से एक है और इसकी लंबाई 20 फुट तक पहुंच सकती है। इसके ज़हर की मात्रा एक बार में 400 से 600 मिलीग्राम तक हो सकती है, जो बेहद खतरनाक होती है। इसी दौरान चौहड़पुर रेंज के चांदपुर क्षेत्र में एक घर से कामन करैत सांप को भी रेस्क्यू किया गया, जिसकी लंबाई 4.6 फीट थी। विशेषज्ञों को आशंका है कि आसपास में उसके अंडे भी हो सकते हैं। इसके अलावा छरबा, खुशहालपुर और केदारावाला रोड लक्ष्मीपुर से इंडियन रेट स्नेक, चेकर्ड कीलबैक और स्पेक्टाकल्ड कोबरा जैसे जहरीले सांपों को भी रेस्क्यू किया गया। हरबर्टपुर में घर में घुसी भारी-भरकम मॉनिटर लिजर्ड को देखकर लोग दहशत में आ गए। सर्प मित्र आदिल मिर्जा ने इस लिजर्ड को भी सफलतापूर्वक रेस्क्यू कर वन क्षेत्र में छोड़ दिया। वन विभाग के अनुसार, वर्षा काल में सांपों के बिलों से बाहर आने और घरों में घुसने की घटनाएं बढ़ गई हैं। अप्रैल से अब तक 150 से अधिक सांप रेस्क्यू किए जा चुके हैं। पछवादून क्षेत्र में एक दर्जन से ज्यादा प्रजातियों के जहरीले और गैर-जहरीले सांप पाए जाते हैं।