कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) की अध्यक्ष विजया राहतकर ने बुधवार काे असम पुलिस मुख्यालय का दौरा किया और राज्य के पुलिस महानिदेशक तथा अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की। एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में असम के डीजीपी हरमीत सिंह, एनसीडब्ल्यू की सदस्य डेलिना खोंगडुप, सीआईडी के विशेष डीजीपी एमपी गुप्ता, सीआईडी की आईजीपी संजुक्ता पराशर, महिला एवं बाल विकास विभाग के प्रमुख सचिव मुकेश साहू, गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त पीएस महंत सहित असम पुलिस और एनसीडब्ल्यू के अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। बैठक में महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा से संबंधित प्रमुख मुद्दों पर चर्चा की गई। असम पुलिस ने असम के मुख्यमंत्री डॉ. हिमंत बिस्व सरमा के नेतृत्व में इस क्षेत्र में किए गए कार्यों पर एक प्रस्तुति दी। महिलाओं के खिलाफ अपराधों में कमी और महिलाओं की सुरक्षा के लिए चलाए गए विशेष अभियानों को प्रदर्शित किया गया। इसमें बताया गया कि कैसे बाल विवाह के विरुद्ध विशेष अभियानों से न केवल ऐसे मामलों में उल्लेखनीय कमी आई, बल्कि मातृ मृत्यु दर (एमएमआर), शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) और स्कूल छोड़ने की दर को भी कम करने में योगदान मिला। डीजीपी हरमीत सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री की परिकल्पना के अनुसार, असम पुलिस ने सक्रिय कदम उठाए हैं, जिसके परिणामस्वरूप आरोप-पत्रों में वृद्धि, दोषसिद्धि दर में वृद्धि और बेहतर नागरिक सेवाएं प्रदान की गई हैं। एनसीडब्ल्यू अध्यक्ष ने असम पुलिस और सरकार द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की और कहा कि एनसीडब्ल्यू के मार्गदर्शन में चल रहा सहयोग विभिन्न कार्यक्रमों, पहलों और प्रशिक्षणों के कार्यान्वयन में पूरी ताकत से जारी रहेगा। उन्होंने 'एआई साक्षर नारी' पहल के तहत महिलाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) प्रशिक्षण प्रदान करने के महत्व पर भी बल दिया। इसके अलावा, उन्होंने महिलाओं के अधिकारों को सुनिश्चित करने के लिए सभी हितधारकों के बीच सामुदायिक स्तर की बैठकों में जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी की आवश्यकता पर बल दिया। बैठक के बाद, अध्यक्ष ने 'यशोदा एआई' प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्घाटन किया। यह राष्ट्रीय महिला आयोग की एक विशेष पहल है जिसका उद्देश्य पूरे भारत में महिलाओं को आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के बारे में शिक्षित करना और साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूकता बढ़ाना है। प्रशिक्षण सत्र में असम के विभिन्न हिस्सों से 80 पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।