कैनविज टाइम्स. डिजिटल डेस्क।
7 मई 2025 की रात भारतीय सेना ने "ऑपरेशन सिंदूर" के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में घुसकर आतंकी ठिकानों पर सटीक हमला किया था। इस सैन्य कार्रवाई में लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के अड्डों को पूरी तरह तबाह कर दिया गया था। लेकिन अब पाकिस्तान फिर अपनी पुरानी हरकतों पर लौट आया है। पाकिस्तानी सेना, खुफिया एजेंसी ISI और सरकार के समर्थन से इन आतंकी लॉन्चपैड्स को दोबारा खड़ा करने का प्रयास शुरू कर चुकी है। सूत्रों के अनुसार पाकिस्तान ने PoK और आस-पास के इलाकों में इन आतंकवादी ठिकानों के पुनर्निर्माण के लिए ठेके भी जारी कर दिए हैं। NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, इन निर्माण कार्यों को लेकर बाकायदा कॉन्ट्रैक्ट दिए जा चुके हैं और फंडिंग भी शुरू हो चुकी है। इससे साफ जाहिर होता है कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर पनप रहे आतंकवाद को फिर से जीवित करने में लगा है।ऑपरेशन सिंदूर में करारी हार के बाद पाकिस्तान ने अब खुलकर आतंकियों को सहारा देना शुरू कर दिया है। सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर ने खुद इन निर्माण कार्यों में रुचि दिखाई है और लगभग 40 करोड़ रुपये की सरकारी फंडिंग जारी करवाई है। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने भी ऐलान किया है कि भारतीय हमलों में जो घर और मस्जिदें तबाह हुई हैं, उनका पुनर्निर्माण सरकार की जिम्मेदारी है।
तीन बड़े आतंकी ठिकानों को मिला फंड
बहावलपुर: जैश-ए-मोहम्मद के गढ़ कहे जाने वाले इस इलाके को 14 करोड़ रुपये की फंडिंग दी गई है। यहां मरकज़ सुभान अल्लाह परिसर को भारत ने मिसाइल अटैक में तबाह कर दिया था, जिसमें 13 आतंकी मारे गए थे।
मुरीदके: लश्कर-ए-तैयबा के इस मुख्यालय को 15 करोड़ रुपये दिए गए हैं। यहां भारत के हमलों में कई इमारतें ध्वस्त हुई थीं।
मुजफ्फराबाद: यहां स्थित आतंकी ट्रेनिंग कैंप को निशाना बनाया गया था। इसे फिर से खड़ा करने के लिए 11 करोड़ रुपये की मदद दी गई है।
30 जून तक पूरी करने का आदेश
जनरल आसिम मुनीर ने इन निर्माण कार्यों को 30 जून तक पूरा करने की डेडलाइन दी है क्योंकि 1 जुलाई से पाकिस्तान में मदरसे फिर से खुलने वाले हैं। पहले ये मदरसे 20 जून को खुलने थे, लेकिन हमलों के बाद तारीख आगे बढ़ा दी गई। मुनीर ने एक विशेष टीम बनाई है जो इन कार्यों की निगरानी कर रही है। भारत के हमले में घायल हुए आतंकियों से मिलने पाकिस्तान सरकार के दो मंत्री तनवीर हुसैन और बिलाल यासीन खुद पहुंचे। उन्होंने न सिर्फ मारे गए आतंकियों को “शहीद” बताया, बल्कि कहा कि “इनका बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। इससे साफ हो गया है कि पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन किस स्तर तक कर रहा है।