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कांग्रेस को INDIA से बाहर करने की मांग क्यों कर रहे केजरीवाल, जानें 5 बड़े कारण

कांग्रेस
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhizz Times
  • Updated: December 27, 2024

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (AAP) के प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने हाल ही में एक बयान में कहा कि कांग्रेस को ‘INDIA’ (Indian National Developmental Inclusive Alliance) गठबंधन से बाहर किया जाना चाहिए। यह बयान भारतीय राजनीति में एक नई बहस को जन्म दे रहा है, जिसमें केजरीवाल ने कांग्रेस पर कई आरोप लगाए हैं। आइए जानते हैं कि केजरीवाल के इस बयान के पीछे क्या कारण हैं और क्यों वह कांग्रेस को गठबंधन से बाहर करने की मांग कर रहे हैं।

1. कांग्रेस का कमजोर प्रदर्शन और AAP का दबाव

अरविंद केजरीवाल का मानना है कि कांग्रेस का प्रदर्शन पिछले कुछ वर्षों में लगातार कमजोर हुआ है, खासकर दिल्ली, पंजाब और अन्य राज्यों में। केजरीवाल का कहना है कि कांग्रेस अब देश में भाजपा का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह सक्षम नहीं है, जबकि उनकी पार्टी AAP ने राज्यों में अपनी मजबूत पकड़ बनाई है। दिल्ली और पंजाब में AAP के बेहतर प्रदर्शन को देखते हुए, केजरीवाल का मानना है कि कांग्रेस की मौजूदगी INDIA गठबंधन को कमजोर कर सकती है, क्योंकि कांग्रेस का आंतरिक संकट और नेतृत्व की कमी गठबंधन के लिए नुकसानदायक हो सकती है।

2. दिल्ली में कांग्रेस का विरोधी रवैया

दिल्ली में कांग्रेस और AAP के बीच का संबंध हमेशा से ही तनावपूर्ण रहा है। खासकर 2020 के दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान, कांग्रेस ने AAP के खिलाफ खुलकर प्रचार किया था, जबकि बीजेपी के खिलाफ मिलकर काम करने की बजाय दोनों दल एक-दूसरे के खिलाफ थे। केजरीवाल का आरोप है कि कांग्रेस ने दिल्ली में AAP के विकास को रोकने के लिए हमेशा नकारात्मक रवैया अपनाया, जिससे उन्हें यह महसूस हुआ कि कांग्रेस चुनावी रणनीतियों में AAP के हितों को ध्यान में नहीं रखती।

3. भविष्य में गठबंधन की रणनीति पर असहमतियां

केजरीवाल और अन्य AAP नेताओं का मानना है कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी गठबंधन की कोई मजबूत दिशा नहीं है। उनके अनुसार, कांग्रेस की चुनावी रणनीतियां और समझदारी चुनावी जीत की दिशा में सही नहीं हैं। AAP का कहना है कि कांग्रेस अपने पुराने तरीकों को अपनाकर मोदी सरकार के खिलाफ प्रभावी रणनीति नहीं बना पा रही है, और इससे गठबंधन के अन्य दलों के लिए मुश्किलें खड़ी हो रही हैं। AAP के नेताओं का मानना है कि एक मजबूत और गतिशील विपक्ष की जरूरत है, जो केवल भाजपा का मुकाबला कर सके। केजरीवाल ने कांग्रेस पर आरोप लगाया है कि पार्टी देशभर में विभिन्न मुद्दों पर संकीर्ण राजनीति करती है और भाजपा के खिलाफ एकजुट होने की बजाय अपनी पुरानी राजनीतिक शैली पर कायम रहती है। उन्होंने कांग्रेस पर सांप्रदायिक राजनीति और पुराने गठबंधनों के आधार पर काम करने का आरोप लगाया, जो किसी तरह से INDIA गठबंधन के लक्ष्यों से मेल नहीं खाता। AAP का मानना है कि कांग्रेस को अगर अपनी रणनीति में बदलाव नहीं लाना होता, तो वह एक प्रभावी गठबंधन नहीं बना सकती है।

4. AAP की बढ़ती ताकत और कांग्रेस की घटती साख

AAP ने कई राज्यों में अपनी राजनीतिक जड़ें मजबूत की हैं, और पार्टी की ताकत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। खासकर दिल्ली और पंजाब में मिली भारी सफलता के बाद, केजरीवाल की पार्टी ने अब राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने की दिशा में कदम बढ़ा लिया है। AAP का कहना है कि अब समय आ गया है कि कांग्रेस को गठबंधन से बाहर किया जाए, ताकि देश में एक मजबूत विपक्ष की तस्वीर बन सके, और AAP को अपनी राजनीति को आगे बढ़ाने के लिए पर्याप्त स्वतंत्रता मिले। अरविंद केजरीवाल का यह बयान न केवल कांग्रेस और AAP के बीच बढ़ते तनाव को दर्शाता है, बल्कि यह ‘INDIA’ गठबंधन के भविष्य पर भी सवाल खड़ा करता है। यदि कांग्रेस को गठबंधन से बाहर किया जाता है, तो यह एक बड़ी राजनीतिक हलचल का कारण बनेगा, क्योंकि इसका असर न केवल विपक्षी एकजुटता पर पड़ेगा, बल्कि देश की राजनीति में भी नई दिशा ला सकता है।

 

 

 

 

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