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कुदरत का कहर: थुनाग में आई बाढ़ ने हिलाया बाजार, प्रशासन ने बढ़ाया राहत प्रयास

हिमाचल प्रदेश के थुनाग बाजार में मूसलधार बारिश के कारण भारी तबाही आई। इमारतें धराशायी हो गईं और दुकानों का सामान बर्बाद हो गया। प्रशासन राहत कार्यों में जुटा है, लेकिन यह प्राकृतिक आपदा क्षेत्र के लिए गहरा जख्म छोड़ गई है।
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: July 3, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क। 

हिमाचल प्रदेश के सराज विधानसभा क्षेत्र का थुनाग बाजार एक बडी प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है। मूसलधार बारिश ने बाजार की इमारतों को धराशायी कर दिया और दुकानों को पूरी तरह से बर्बाद कर दिया। पहले भी इस क्षेत्र में प्राकृतिक आपदाएँ आई थीं, लेकिन इस बार की तबाही ने जितना नुकसान किया है, उतना पहले कभी नहीं हुआ था। बाजार में तबाही का मंजर इतना भयंकर था कि अब सिर्फ मलबा, कीचड़ और टूटे हुए खंभे ही बचें हैं। दुकानों का सारा सामान पानी में बह गया और जो कुछ बचा था, वह बुरी तरह से नष्ट हो गया। कभी यह बाजार सुबह की चाय और दुकानों की आवाज़ों से गूंजता था, लेकिन अब यह सुनसान और वीरान हो गया है। तीन दिनों तक मूसलधार बारिश ने इस बाजार को पूरी तरह से तबाह कर दिया। पहले दो साल पहले भी ऐसी ही बर्बादी आई थी, लेकिन उस समय लोग मिलकर फिर से खड़े हो गए थे। इस बार का नुकसान कहीं ज्यादा गहरा है, जहां इमारतें नहीं बल्कि लोग भी टूट गए हैं। विजय, जो 20 साल से स्टेशनरी की दुकान चला रहे थे, अब मलबे के ढेर पर बैठे हैं और उनके चेहरे पर निराशा साफ झलक रही है। स्थानीय प्रशासन ने राहत कार्य शुरू कर दिया है और हर संभव मदद देने का आश्वासन दिया है। सराज के विधायक और नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी घटनास्थल का दौरा किया और पीड़ितों को सांत्वना दी। लेकिन प्रशासन भी जानता है कि इस तबाही को पुनर्निर्माण करना वर्षों का काम होगा। थुनाग अब सिर्फ एक उजड़ा हुआ बाजार नहीं, बल्कि उन सारी उम्मीदों का प्रतीक बन चुका है जो एक पल में मिट्टी में मिल गईं। लेकिन हिमाचल की मिट्टी में जिजीविषा भी है। शायद कुछ समय बाद, लोग फिर से खड़े होंगे, ईंट और पत्थर जोड़कर थुनाग को नई जान देंगे। फिर से वही चहल-पहल, वही दिन की शुरुआत और शाम की ठंडी हवा लौटेगी, जिससे थुनाग को फिर से जीवन मिलेगा। यह तबाही सिर्फ एक बाजार की नहीं, बल्कि उस क्षेत्र के लोगों की उम्मीदों की भी है। हालाँकि यह गहरा जख्म है, लेकिन थुनाग का पुनर्निर्माण करने में जुटे लोग उसे फिर से जीवित करेंगे।

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