कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। गुजरात राज्य में आज (17 दिसंबर 2024) सुबह 4.5 तीव्रता का भूकंप आया, जिससे राज्य के कुछ हिस्सों में हलचल और डर का माहौल बना, लेकिन अब तक किसी प्रकार के जान-माल के नुकसान की खबर नहीं है। भूकंप का केंद्र सौराष्ट्र क्षेत्र के पास स्थित था, और यह कई प्रमुख शहरों में महसूस किया गया। हालांकि, राहत और बचाव दलों ने घटनास्थल पर जांच शुरू कर दी है और राज्य सरकार ने सतर्कता बरतने का निर्देश दिया है।
भूकंप का केंद्र और तीव्रता
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, भूकंप सुबह करीब 9:15 बजे आया था और इसकी तीव्रता 4.5 रिक्टर पैमाने पर मापी गई। भूकंप का केंद्र सौराष्ट्र क्षेत्र के आसपास था, जो कि गुजरात का एक संवेदनशील भूकंपीय क्षेत्र है। भूकंप का केंद्र जमीन से लगभग 10 किमी गहराई पर था, जो आम तौर पर भूकंप के राज्य में महसूस किया गया असर प्रभाव को बढ़ा सकता है। हालांकि, यह भूकंप हल्का था और इसके कारण अधिक नुकसान की संभावना नहीं थी। गुजरात के कई प्रमुख शहरों जैसे अहमदाबाद, राजकोट, वडोदरा और सूरत में भूकंप के झटके महसूस किए गए। खासकर अहमदाबाद और राजकोट में लोग अपने घरों से बाहर आ गए थे, लेकिन भूकंप के झटके बहुत तेज़ नहीं थे, जिससे घबराहट तो हुई, लेकिन नुकसान की कोई खबर नहीं मिली। वडोदरा के निवासियों ने बताया कि भूकंप के झटके केवल कुछ सेकंड के लिए थे, और इसके बाद स्थिति सामान्य हो गई। हालांकि, कई लोगों ने इस दौरान घरों और इमारतों से बाहर आकर सड़क पर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली।
सुरक्षा उपायों के तहत कार्रवाई
गुजरात सरकार ने तुरंत राहत और बचाव दलों को सतर्क किया है और सभी जिलों में सुरक्षा उपायों को लागू करने के लिए कहा है। राज्य के आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने लोगों से डरने की बजाय सतर्क रहने की अपील की है। इसके अलावा, भूकंप के बाद राज्य में इमारतों और बुनियादी ढांचे की जांच शुरू कर दी गई है, ताकि किसी भी तरह के संरचनात्मक नुकसान का पता लगाया जा सके।
मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने कहा कि भूकंप के झटकों के बावजूद राज्य सरकार राहत कार्यों को प्राथमिकता दे रही है। उन्होंने कहा कि सरकार ने सभी जिलों में आपातकालीन टीमें तैयार रखी हैं और किसी भी स्थिति से निपटने के लिए समुचित तैयारियां की गई हैं। भूकंप के बाद, राहत और बचाव कार्यों के लिए प्रशासन और पुलिस ने शहरों में गश्त शुरू कर दी है। सड़कों और इमारतों में संभावित नुकसान की जांच की जा रही है। खासकर पुराने भवनों और आवासीय क्षेत्रों में यह चिंता जताई जा रही है कि कहीं कोई संरचनात्मक क्षति तो नहीं हुई।
गुजरात में भूकंप के दौरान कई लोगों ने अपने मोबाइल फोन से सोशल मीडिया पर अपनी स्थिति की जानकारी दी और इस संकट से निपटने के लिए प्रशासन से उचित मदद की अपील की। इस बीच, भूकंप के झटकों से उत्पन्न मानसिक और शारीरिक तनाव के लिए स्वास्थ्य विभाग ने हेल्पलाइन जारी की है। भूकंप विशेषज्ञों के अनुसार, गुजरात के सौराष्ट्र क्षेत्र में भूकंप की गतिविधियाँ अपेक्षाकृत सामान्य हैं, क्योंकि यह क्षेत्र भूकंपीय गतिविधियों से प्रभावित रहता है। हालांकि, 4.5 तीव्रता का भूकंप आमतौर पर बड़े नुकसान का कारण नहीं बनता, लेकिन इसमें घबराहट और अस्थायी खतरों का सामना करना पड़ सकता है। इस तरह के हल्के भूकंपों के बावजूद, लोगों को सतर्क रहने और इमारतों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उपायों के बारे में जागरूक किया जाता है।
अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार
भारतीय भूकंप मानक के अनुसार, 4.5 तीव्रता के भूकंप को सामान्यत: हल्का माना जाता है और इससे बड़ी संरचनात्मक क्षति होने की संभावना कम होती है। हालांकि, इस तीव्रता के भूकंप के बाद बादल या छोटे झटके हो सकते हैं, इसलिए विशेषज्ञों ने आम जनता को सतर्क रहने की सलाह दी है। गुजरात में आए 4.5 तीव्रता के भूकंप के बाद राहत कार्य शुरू कर दिए गए हैं और अब तक किसी तरह के जान-माल के नुकसान की कोई रिपोर्ट नहीं आई है। राज्य सरकार और आपदा प्रबंधन एजेंसियां स्थिति पर लगातार नजर रखे हुए हैं और सभी जरूरी सुरक्षा उपाय किए जा रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, यह भूकंप सामान्य है, लेकिन क्षेत्र में भूकंपीय गतिविधियों को लेकर प्रशासन की सतर्कता बनी हुई है।