कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद गनी लोन के नेतृत्व में तीन विपक्षी विधायकों ने मंगलवार को जम्मू-कश्मीर विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया। लोन ने आरोप लगाया कि विधानसभा अध्यक्ष वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ अपनी राय व्यक्त करने में बाधा बन गए हैं। इस मुद्दे को लेकर जम्मू-कश्मीर विधानसभा में लगातार दूसरे दिन हंगामा हुआ, जिसके कारण सदन को दो बार स्थगित करना पड़ा।
हंगामा और स्थगन
जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सोमवार को 12 दिनों के अवकाश के बाद कार्यवाही शुरू हुई, जहां सत्तारूढ़ नेशनल कॉन्फ्रेंस के सदस्यों ने वक्फ (संशोधन) अधिनियम पर चर्चा करने के लिए प्रस्ताव पेश किया। हालांकि, विधानसभा अध्यक्ष ने यह कहते हुए प्रस्ताव खारिज कर दिया कि यह मामला विचाराधीन है। इसके बाद विपक्षी सदस्य नारेबाजी करने लगे और इस मुद्दे पर लगातार दूसरे दिन हंगामा हुआ, जिसके कारण अध्यक्ष को सदन की कार्यवाही शुरू होते ही 30 मिनट के लिए स्थगित करना पड़ा। बाद में सदन को दोपहर 1 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
अविश्वास प्रस्ताव का कारण
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस के नेता सज्जाद गनी लोन ने विधानसभा सचिव को संबोधित पत्र में कहा कि अविश्वास प्रस्ताव अध्यक्ष के कार्यों पर सदन के भीतर व्यापक आक्रोश से उपजा है, जिसमें स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा को अस्वीकार करना और विपक्षी दलों के प्रस्ताव पर विचार करने से इनकार करना शामिल है। पत्र पर पीडीपी विधायक फैयाज अहमद मीर (कुपवाड़ा) और रफीक अहमद नाइक (त्राल) ने भी हस्ताक्षर किए हैं.। विधानसभा के बाहर पत्रकारों से बात करते हुए लोन ने नेशनल कॉन्फ्रेंस के विरोध कर रहे सदस्यों से स्पीकर के खिलाफ प्रस्ताव का समर्थन करने की अपील की। उन्होंने कहा, "पूरी दुनिया इस नाटक को देख रही है। हम कानून बदलने की बात नहीं कर रहे हैं, लेकिन कम से कम हम अपने मुस्लिम बहुल क्षेत्र से विरोध दर्ज करवा सकते हैं।"