कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
लॉस एंजिल्स में हालात बेकाबू होते जा रहे हैं। 6 जून से चल रहे विरोध प्रदर्शन अब हिंसक रूप ले चुके हैं। ये प्रदर्शन अमेरिका के इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) द्वारा शहर में की गई बड़ी छापेमारी और अवैध प्रवासियों को हिरासत में लेने की कार्रवाई के खिलाफ हो रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप की सख्त प्रवासी नीति और चुनावी वादों को लेकर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। प्रदर्शनकारियों ने लॉस एंजिल्स की सड़कों पर 101 फ्रीवे को जाम कर दिया, गाड़ियों में आग लगा दी और सरकारी इमारतों पर हमला किया। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़पें हुईं जिनमें आंसू गैस और रबर बुलेट का इस्तेमाल किया गया। कैलिफोर्निया के गवर्नर ने ट्रंप की कार्रवाई को 'तानाशाही रवैया' बताया और कहा कि यह लोकतांत्रिक मूल्यों के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि अमेरिका में विरोध की आवाज़ को दबाना किसी राष्ट्रपति का नहीं, एक तानाशाह का काम है। डोनाल्ड ट्रंप पहले ही कह चुके हैं कि वो अमेरिका की सड़कों पर वामपंथी समूहों की अराजकता को बर्दाश्त नहीं करेंगे, लेकिन अब उनकी यह नीति खुद विवादों में घिरती नजर आ रही है।