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डिजिटल भुगतान में भारत को वैश्विक अग्रणी बनाने में आरबीआई की महत्वपूर्ण भूमिका: राष्ट्रपति

भाजपा
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhiz Times
  • Updated: April 1, 2025

कैनविज डेस्क ,डिजिटल डेस्क। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु ने मंगलवार को कहा कि 'विकसित भारत 2047' का मिशन एक ऐसे वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र की मांग करता है, जो नवोन्मेषी, अनुकूलनीय और सभी के लिए सुलभ हो। इस संदर्भ में, उन्होंने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (आरबीआई) की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि केंद्रीय बैंक ने भारत को डिजिटल भुगतान में वैश्विक अग्रणी बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।

मुंबई में आरबीआई की 90वीं वर्षगांठ के समापन समारोह को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति मुर्मु ने कहा कि रिजर्व बैंक भारत की अविश्वसनीय विकास गाथा के केंद्र में है। उन्होंने पिछले 90 वर्षों में आरबीआई की यात्रा को उल्लेखनीय बताया और यह भी जोर दिया कि वित्तीय समावेशन, मुद्रास्फीति नियंत्रण, और आर्थिक विकास में इसका योगदान अनमोल रहा है।

राष्ट्रपति ने कहा कि मौद्रिक और वित्तीय स्थिरता के संरक्षक के रूप में आरबीआई ने एक सुदृढ़ बैंकिंग प्रणाली बनाने, वित्तीय नवाचार को बढ़ावा देने और वित्तीय विश्वास की रक्षा करने में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने आगे कहा कि प्रौद्योगिकी के विकास के साथ वित्तीय धोखाधड़ी और साइबर खतरों का जोखिम बढ़ा है, लेकिन आरबीआई सक्रिय रूप से सुरक्षा उपायों को मजबूत कर रहा है और सुरक्षित बैंकिंग सुनिश्चित कर रहा है।

राष्ट्रपति ने यह भी बताया कि आरबीआई ने नाबार्ड, आईडीबीआई, सिडबी और राष्ट्रीय आवास बैंक जैसी प्रमुख संस्थाओं की स्थापना कर देश की वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत किया है। उन्होंने कहा कि हालांकि आम आदमी का आरबीआई से सीधा संपर्क नहीं होता, लेकिन उनके सभी वित्तीय लेन-देन अप्रत्यक्ष रूप से आरबीआई द्वारा नियंत्रित होते हैं। अंत में, राष्ट्रपति मुर्मु ने यह उल्लेख किया कि आरबीआई की सबसे बड़ी उपलब्धि यह है कि इसने भारत की वित्तीय प्रणाली को अंतरराष्ट्रीय चुनौतियों से लचीला बनाए रखा है, चाहे वह आर्थिक उदारीकरण हो या कोरोना महामारी जैसे संकट।

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