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तीन दशक की सबसे बड़ी हवाई दुर्घटना, देशभर में शोक की लहर

अहमदाबाद प्लेन क्रैश में अब तक 265 लोगों की मौत हो चुकी है। मृतकों की पहचान के लिए डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं। ब्लैक बॉक्स मिल चुका है, जांच शुरू। प्रधानमंत्री मोदी ने घटनास्थल का दौरा किया।
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: June 14, 2025

कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क । 

मृतकों की संख्या में इजाफे की आशंका, ब्लैक बॉक्स से मिल सकता है बड़ा सुराग अहमदाबाद में 12 जून की दोपहर हुए भयावह विमान हादसे ने पूरे देश को झकझोर दिया है। अब तक इस हादसे में 265 लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। हादसे के बाद से ही घटनास्थल पर राहत और बचाव कार्य जारी है, जबकि हाई-लेवल जांच कमेटी का गठन कर मामले की तह तक जाने की तैयारी हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हादसे के अगले ही दिन अहमदाबाद पहुंचकर घटनास्थल का जायजा लिया। उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और उन्हें हरसंभव मदद का भरोसा दिया। इस दौरान उन्होंने गुजरात के पूर्व मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के परिवार से भी संवेदना प्रकट की, जिनका बेटा इस हादसे में मारा गया है। हादसे में कई शव बुरी तरह जल चुके हैं, जिससे पहचान कर पाना मुश्किल हो गया है। इसलिए बीजे मेडिकल कॉलेज में डीएनए सैंपल कलेक्शन सेंटर बनाया गया है। यहां केवल मृतकों के परिजन और डॉक्टरों को ही जाने की अनुमति दी गई है। बताया गया है कि पायलट सभरवाल के पिता और विजय रूपाणी के बेटे ऋषभ रूपाणी ने भी डीएनए सैंपल दिया है। लंबी तलाश के बाद विमान का ब्लैक बॉक्स बीजे मेडिकल कॉलेज की छत से बरामद किया गया है। इसे AAIB (Aircraft Accident Investigation Bureau) ने अपने कब्जे में लेकर फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है। इससे हादसे के असली कारण का पता चलने की संभावना है।इस दुर्घटना में केवल यात्री ही नहीं, बल्कि बीजे मेडिकल कॉलेज के मेस में खाना खा रहे कई एमबीबीएस स्टूडेंट्स भी अपनी जान गंवा बैठे। हादसे के समय विमान मेस के पास आकर गिरा, जिससे वहां मौजूद कई छात्र इसकी चपेट में आ गए। विशेषज्ञों का कहना है कि यह हादसा पिछले तीन दशकों में भारत का सबसे भीषण विमान हादसा है। इससे पहले इतनी बड़ी संख्या में मौतें किसी एक सिविल एविएशन दुर्घटना में दर्ज नहीं की गई थीं।  गुजरात सरकार ने मृतकों के परिवारों को मुआवजे और सरकारी सहायता देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। सभी जिलों में हेल्पलाइन नंबर भी सक्रिय कर दिए गए हैं।

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