कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
भारत-नेपाल सीमा पर नो-मेंस लैंड में अवैध निर्माण और संदिग्ध गतिविधियों को लेकर उत्तर प्रदेश प्रशासन और सुरक्षा एजेंसियों ने सख्त रुख अपनाया है। श्रावस्ती जिले में नो-मेंस लैंड पर बनी एक मजार, जिसका एक दरवाजा भारत में और दूसरा नेपाल में खुलता था, को ध्वस्त कर दिया गया है। इस मजार के साथ-साथ वहां पर बने कुछ मकानों पर भी बुलडोजर चलाया गया। प्रशासन की जांच में सामने आया है कि नो-मेंस लैंड पर यह अवैध बसावट लंबे समय से बन रही थी और इसका इस्तेमाल सीमा पार आवाजाही, अवैध गतिविधियों और मतांतरण जैसे मामलों में किया जा रहा था। बलरामपुर में मतांतरण के मास्टरमाइंड को भी इसी बसावट से मदद मिलती थी। सीमा रेखा से 10 गज भारतीय क्षेत्र और 10 गज नेपाल क्षेत्र को नो-मेंस लैंड माना जाता है। यह इलाका दोनों देशों की सहमति से खाली और निष्क्रिय रहना चाहिए, लेकिन जांच में पता चला कि यहां मजार, मकान और खेती तक हो रही थी। लखीमपुर खीरी और महराजगंज जिलों में भी ऐसी ही अवैध खेती की जानकारी मिली है। श्रावस्ती के जिलाधिकारी ने तत्काल प्रभाव से सीमा क्षेत्र से 10 किमी के दायरे में रजिस्ट्री के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) को अनिवार्य कर दिया है। यह कदम अवैध बसावट और भूमि के दुरुपयोग को रोकने के लिए उठाया गया है। सुरक्षा एजेंसियों ने रिपोर्ट में यह भी बताया कि यह बसावट और निर्माण भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए खतरा बन सकते हैं। सीमा से सटे गांवों में बाहरी लोगों की आवाजाही और अतिक्रमण बढ़ रहा है, जिससे सुरक्षा व्यवस्था पर असर पड़ सकता है।