कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को पहलगाम आतंकी हमले की जांच में बड़ी सफलता हाथ लगी है। नरसंहार के ठीक दो महीने बाद, एनआईए ने दो स्थानीय मददगारों परवेज अहमद जोथड़ निवासी बटकोट और बशीर अहमद जोथड़ निवासी हिलपार्क, पहलगाम को गिरफ्तार किया है। इन दोनों ने हमले से पहले तीन पाकिस्तानी लश्कर-ए-तैयबा आतंकियों को न सिर्फ खाने-रहने की व्यवस्था दी बल्कि हमले की योजना बनाने में भी मदद की। पूछताछ में दोनों ने कबूला कि पाकिस्तानी आतंकी पर्यटकों को निशाना बनाने के इरादे से भारत आए थे। ये आतंकी बैसरन क्षेत्र के पास एक ढोक (झोपड़ी) में छिपे हुए थे, जहां से उन्होंने पूरी रेकी की और नरसंहार को अंजाम दिया। 22 अप्रैल को हुए इस हमले में 25 पर्यटकों और एक स्थानीय घोड़ेवाले की बेरहमी से हत्या कर दी गई थी। एनआईए ने गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम, 1967 की धारा 19 के तहत आरोपितों को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया, जहां से उन्हें रिमांड पर भेजा गया। पूछताछ के दौरान आरोपियों के मोबाइल और डिजिटल डिवाइस से कई अहम सुराग मिले हैं, जिनसे पाकिस्तान से आतंकियों के संपर्क और लोकल नेटवर्क का खुलासा हुआ है। अब तक एनआईए और सुरक्षा एजेंसियों ने करीब 250 संदिग्धों से पूछताछ की है, जिनमें कई पूर्व आतंकियों और उनके सहयोगियों को जन सुरक्षा अधिनियम के तहत हिरासत में भी लिया गया है। फरार तीन आतंकियों की तलाश अभी जारी है और एजेंसियों का मानना है कि उनकी गिरफ्तारी अब ज्यादा दूर नहीं। आतंकियों पर ₹20 लाख का इनाम घोषित किया गया है। इसके साथ ही, सुरक्षा एजेंसियां आतंकियों के सपोर्ट नेटवर्क को खत्म करने की दिशा में सख्ती से कार्रवाई कर रही हैं। एनआईए ने साफ किया है कि अब अगला फोकस इन नेटवर्क्स को पूरी तरह ध्वस्त करना है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं को रोका जा सके।