कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को करारी शिकस्त मिलने के बाद उसके नेता और सेना के अधिकारी अब देशवासियों का मनोबल बढ़ाने के लिए अनाप-शनाप और काल्पनिक दावे कर रहे हैं। भारत की निर्णायक कार्रवाई से तिलमिलाए पाकिस्तान के नेता संघर्ष में भारत को हराने का दावा कर रहे हैं, वहीं सेना के अधिकारी सिंधु जल समझौते को लेकर भारत को खुली धमकियां दे रहे हैं।पाकिस्तान के इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (ISPR) के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने हाल ही में कहा कि अगर भारत सिंधु जल समझौते का उल्लंघन करता है, तो वह सभी छह नदियां खो देगा। उन्होंने यह दावा कश्मीर को विवादित क्षेत्र बताते हुए किया और कहा कि अगर भविष्य में कश्मीर पाकिस्तान का हिस्सा बनता है, तो इन नदियों पर नैतिक और कानूनी अधिकार पाकिस्तान का होगा।
भारत द्वारा सिंधु जल समझौते को निलंबित करने के कदम से पाकिस्तान की बेचैनी साफ नजर आ रही है। विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान जानता है कि इस समझौते के निलंबन से उसकी जल आपूर्ति पर गंभीर असर पड़ेगा, लेकिन फिर भी वह अपनी अवाम को गुमराह करने के लिए ऐसे दावे कर रहा है। पूर्व विदेश मंत्री और पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के अध्यक्ष बिलावल भुट्टो ने भी इस मुद्दे पर विवादित बयान देते हुए कहा कि भारत अब सिंधु जल समझौते को हथियार बना रहा है और इससे वैश्विक स्तर पर 'न्यूक्लियर ब्लैकमेल' की स्थिति बन सकती है। भारत की ओर से स्पष्ट किया गया है कि सिंधु जल समझौता अंतरराष्ट्रीय नियमों के अनुसार लागू किया गया था, और पाकिस्तान को पहले अपने आंतरिक जल प्रबंधन को सुधारने की जरूरत है। भारत का यह रुख पाकिस्तान के लिए स्पष्ट संदेश है कि वह अब जल नीति को लेकर किसी दबाव में नहीं आएगा।
विश्लेषकों के अनुसार, पाकिस्तान की बयानबाजी केवल उसकी कूटनीतिक हताशा को दर्शाती है, क्योंकि भारत ने सख्ती से अंतरराष्ट्रीय समझौतों का पालन करते हुए अपने हितों की रक्षा करना शुरू कर दिया है।भारत के नीति-निर्णयों के सामने पाकिस्तान की हताशा साफ दिखाई दे रही है। झूठे दावे और धमकियों से वह न केवल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी छवि खराब कर रहा है, बल्कि अपनी जनता को भी भ्रमित कर रहा है।