कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क।
पीलीभीत में पर्यटन विभाग द्वारा ब्रह्मचारी घाट पर किए जा रहे सौंदर्यीकरण का काम रुकने के बाद लोहे का जाल लगाकर घाट क्षेत्र में होने वाले कटान से बचाव का काम शुरू न करने पर नगर पालिका अध्यक्ष डॉ आस्था अग्रवाल ने प्रोजेक्ट मैनेजर और ठेकेदार की शिकायत पर्यटन मंत्री से करने की बात कही है। उन्होंने कहा है, कि बारिश तेज होने के बाद नदी का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। ऐसे में ब्रह्मचारी घाट क्षेत्र में कटान का खतरा उत्पन्न हो सकता है। पिछले दिनों डॉ आस्था ने ब्रह्मचारी घाट पर पहुंचकर काम रोके जाने के संबंध में जानकारी ली थी। उन्होंने प्रोजेक्ट मैनेजर से कहा था कि यदि देवहा नदी में पानी बढ़ने और कटान होने से मंदिर के आसपास कोई नुकसान हुआ, तो इसके जिम्मेदार प्रोजेक्ट मैनेजर और ठेकेदार होंगे। उन्होंने पर्यटन विभाग की टीम में शामिल इस कार्य को देख रहे प्रोजेक्ट मैनेजर लज्जाराम से नाराजगी व्यक्त की थी। उन्होंने कहा था कि यदि दो-तीन दिन तेज बारिश हो गई तो नदी में पानी का लेवल बढ़ जाएगा। कटान की स्थिति उत्पन्न हो सकती है। एक वर्ष का समय बीत जाने के बावजूद भी ठेकेदार घाट निर्माण नहीं कर सका और अब पानी दलदल होने का बहाना बनाकर काम रोक दिया। उन्होंने कहा कि यदि इस कार्य की वजह से ऐतिहासिक मनकामेश्वर मंदिर और ब्रह्मचारी घाट क्षेत्र में कटान हुआ या किसी प्रकार का नुकसान हुआ तो उसकी जिम्मेदारी प्रोजेक्ट मैनेजर और ठेकेदार की होगी। डॉ आस्था ने कहा था कि यदि काम रोका भी गया, तो पानी का लेवल बढ़ने से पहले रेत के कट्टे डालकर बचाव कार्य कराया जाए। जिससे कि ब्रह्मचारी घाट मंदिर क्षेत्र में कटान की स्थिति उत्पन्न न हो सके। लेकिन मौजूदा समय में ठेकेदार द्वारा सीमेंट के कट्टों में रेत भरवाया जा रहा है। जबकि जानकारों का कहना है कि सीमेंट के कट्टे तभी रुक पाएंगे जब वहां पर लोहे के जाल से रेत के कट्टों को रोका जाएगा। डॉ आस्था ने कहा है कि पर्यटन मंत्री से मिलकर पूरे मामले की जानकारी दी जाएगी और ठेकेदार व इस प्रोजेक्ट की टीम की शिकायत की जाएगी।