कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को भारत मंडपम, नई दिल्ली में आयोजित युग्म इनोवेशन कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए विकसित भारत के लक्ष्य को लेकर एक स्पष्ट और दूरदर्शी संदेश दिया। उन्होंने कहा कि आने वाले 25 वर्षों में भारत को विकसित राष्ट्र बनाने का जो संकल्प लिया गया है, उसे समयबद्ध ढंग से पूरा करने के लिए आइडिया से प्रोटोटाइप और फिर प्रोडक्ट तक की यात्रा को सबसे कम समय में पूरा करना होगा।
युग्म कॉन्क्लेव का उद्देश्य और महत्व:
प्रधानमंत्री ने इस कार्यक्रम को सरकार, अकादमिक जगत, विज्ञान और अनुसंधान से जुड़े तमाम हितधारकों का एक सशक्त युग्म बताया। उन्होंने कहा कि यह आयोजन भारत की इनोवेशन कैपेसिटी और डीप टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में देश की भूमिका को और मजबूत करने में सहायक होगा।
प्रयोगशाला से बाजार तक की दूरी कम करने का आह्वान:
प्रधानमंत्री मोदी ने नवाचार को मूल्य संवर्धन से जोड़ते हुए कहा कि जब प्रयोगशाला से बाजार तक की दूरी कम होती है, तब शोध के परिणाम तेजी से लोगों तक पहुंचते हैं और शोधकर्ताओं को भी प्रोत्साहन मिलता है। उन्होंने कहा कि इससे रिसर्च, इनोवेशन और कमर्शियल वैल्यू का चक्र तेज़ होता है।
अनुसंधान पारिस्थितिकी तंत्र को मजबूत करने की आवश्यकता:
प्रधानमंत्री ने देश में मजबूत रिसर्च इकोसिस्टम के निर्माण की जरूरत को रेखांकित किया और कहा कि शैक्षणिक संस्थानों, निवेशकों और उद्योग को मिलकर युवाओं को मार्गदर्शन और संसाधन प्रदान करने चाहिए। उन्होंने उद्योग जगत से नई सोच, वित्तपोषण और सहयोगात्मक नवाचार में भागीदारी की अपील की।
सरकार की प्रतिबद्धता:
प्रधानमंत्री ने बताया कि सरकार नियमों को सरल करने और अनुमोदन प्रक्रियाओं को तेज़ करने के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि नवाचार को बाधा न हो।
शिक्षा प्रणाली में ऐतिहासिक बदलाव:
मोदी ने कहा कि किसी भी राष्ट्र का भविष्य उसके युवाओं पर निर्भर करता है और शिक्षा प्रणाली इस दिशा में मूल स्तंभ की भूमिका निभाती है। उन्होंने बताया कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) को वैश्विक मानकों के अनुरूप तैयार किया गया है, और इससे भारतीय शिक्षा प्रणाली में बड़ा बदलाव आ रहा है।
कक्षा 1 से 7 तक की नई पाठ्यपुस्तकों का प्रकाशन पूरा हो चुका है। पीएम ई-विद्या और दीक्षा प्लेटफॉर्म के जरिए एक AI आधारित डिजिटल शिक्षा इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया गया है। यह मंच 30 से अधिक भारतीय भाषाओं और 7 विदेशी भाषाओं में सामग्री उपलब्ध करवा रहा है। राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क ने छात्रों को बहुविषयी अध्ययन की सुविधा दी है। प्रधानमंत्री ने बताया कि भारत में R&D पर कुल व्यय 2013-14 में जहां 60,000 करोड़ रुपये था, वह अब 1.25 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। यह भारत की विज्ञान, तकनीक और नवाचार में बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाता है।