कैनविज टाइम,डिजिटल डेस्क।बिहार विधानसभा चुनाव 2024 के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने महागठबंधन को कड़ी चुनौती देना शुरू कर दिया है। पार्टी ने अपने प्रचार अभियान को तेज कर दिया है और अपने कार्यकर्ताओं को चुनावी मैदान में पूरी ताकत से उतारने की योजना बनाई है। बिहार में बीजेपी की मुख्य प्रतिस्पर्धा अब महागठबंधन से है, जिसमें राष्ट्रीय जनता दल (RJD), जनता दल (यूनाइटेड) [JD(U)] और कांग्रेस जैसी पार्टियां शामिल हैं।
1. बीजेपी का चुनावी अभियान
• भाजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव के लिए अपनी चुनावी रणनीति और प्रचार अभियान को गति दी है। पार्टी ने विभिन्न कार्यक्रमों, रैलियों, और प्रचारित योजनाओं के माध्यम से महागठबंधन की सरकार की नीतियों और कार्यों पर हमला बोलते हुए खुद को बिहार की जनता के बीच एक मजबूत विकल्प के रूप में पेश किया है। पार्टी के प्रमुख नेता, जैसे नीतीन गडकरी, सुशील मोदी, राजीव प्रताप रूडी, और किरण माहेश्वरी समेत कई केंद्रीय मंत्री, राज्य में चुनाव प्रचार में जुट गए हैं।
2. महागठबंधन की नीतियों पर हमला
• बीजेपी नेताओं ने महागठबंधन की नीतियों पर सीधा हमला करते हुए आरोप लगाया कि महागठबंधन ने बिहार के विकास में कोई ठोस कदम नहीं उठाए। भाजपा का कहना है कि राज्य में बेरोजगारी, भ्रष्टाचार और प्रशासनिक असफलता का आलम है, जो महागठबंधन की सरकार के कार्यकाल के दौरान बढ़ा है। पार्टी ने बिहार की जनता से यह सवाल किया है कि महागठबंधन सरकार को फिर से क्यों चुना जाए, जब उन्होंने बिहार का विकास नहीं किया।
3. बीजेपी का विकास मॉडल
• बिहार में बीजेपी ने विकास के एजेंडे को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया है। पार्टी का कहना है कि अगर उन्हें बिहार में मौका मिलता है, तो वे राज्य के समग्र विकास के लिए केंद्रीय योजनाओं को और तेजी से लागू करेंगे। पार्टी ने केंद्र सरकार की प्रमुख योजनाओं, जैसे प्रधानमंत्री आवास योजना, स्वच्छ भारत अभियान, और कृषि क्षेत्र में सुधार को आधार बनाते हुए राज्य में विकास की नई ऊँचाइयों को छूने का वादा किया है।
4. साफ-सुथरी राजनीति का दावा
• बीजेपी ने यह भी दावा किया कि पार्टी ने बिहार में अपनी साफ-सुथरी राजनीति के आधार पर लोगों का विश्वास जीता है। महागठबंधन पर भ्रष्टाचार और प्रशासनिक विफलताओं का आरोप लगाते हुए बीजेपी ने यह बताया कि उनकी पार्टी ने हमेशा जनता की भलाई और राज्य के विकास के लिए काम किया है।
5. केंद्र सरकार के योजनाओं को बिहार में लागू करना
• बीजेपी ने यह वादा किया कि यदि बिहार में उनका शासन आता है, तो वे केंद्र सरकार की कई योजनाओं को राज्य में प्रभावी तरीके से लागू करेंगे। इसमें राष्ट्रीय राजमार्गों का निर्माण, शहरी विकास, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र में सुधार, और किसानों के लिए योजनाओं को प्राथमिकता दी जाएगी।
6. नीतीश कुमार और महागठबंधन पर हमला
• भाजपा नेताओं ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उनके सहयोगी तेजस्वी यादव पर भी हमला किया। बीजेपी का कहना है कि नीतीश कुमार ने महागठबंधन की राजनीति को बार-बार बदलते हुए जनता को धोखा दिया है। वहीं तेजस्वी यादव की नेतृत्व क्षमता पर भी सवाल उठाए गए हैं। बीजेपी का आरोप है कि ये दोनों नेता बिहार के गरीब और युवा वर्ग के लिए पर्याप्त अवसर नहीं बना पाए।
7. बीजेपी की ‘जेडी’ और दलित वोटबैंक को साधने की रणनीति
• बीजेपी की रणनीति में पिछड़े वर्ग और दलित वोटबैंक को जोड़ना महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुका है। पार्टी ने विशेष ध्यान दिया है कि इन वर्गों को यह समझाया जाए कि महागठबंधन ने उनके लिए कोई सार्थक योजना नहीं बनाई। भाजपा इन वर्गों में अपने लिए समर्थन जुटाने के लिए योजनाओं को प्रस्तुत कर रही है, जैसे पक्षपाती सरकारी योजनाओं का विरोध और समाज के हर तबके के लिए अवसरों की समानता का वादा।
8. केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का अभियान
• भाजपा के केंद्रीय मंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता बिहार के हर कोने में जनसभाएं और रैलियां आयोजित कर रहे हैं। इन रैलियों में वे महागठबंधन द्वारा किए गए विकास के वादों की आलोचना करते हुए भाजपा के नेतृत्व में राज्य के विकास को लेकर लोगों से समर्थन की अपील कर रहे हैं।
9. बीजेपी की रणनीति: सोशल मीडिया और डिजिटल प्रचार
• बिहार में चुनावी प्रचार के दौरान बीजेपी ने सोशल मीडिया का भी बखूबी इस्तेमाल करना शुरू कर दिया है। पार्टी की सोशल मीडिया टीम ने फेसबुक, ट्विटर, और इंस्टाग्राम जैसे प्लेटफार्मों पर अपनी योजना और सिद्धांतों का प्रचार करने के लिए सक्रिय रूप से सामग्री साझा की है। खासतौर पर युवा वोटरों को आकर्षित करने के लिए डिजिटल प्रचार को प्राथमिकता दी जा रही है।
10. बिहार में गठबंधन की संभावना
• बिहार में आगामी चुनावों को लेकर बीजेपी ने अन्य दलों के साथ संभावित गठबंधन की भी संभावना जताई है। भाजपा ने विकास की बात करते हुए छोटे दलों और क्षेत्रीय पार्टियों के साथ मिलकर महागठबंधन को कड़ी चुनौती देने की रणनीति बनाई है।
बीजेपी ने बिहार में महागठबंधन को चुनौती देने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है और अपनी चुनावी रणनीति को हर स्तर पर तेज कर दिया है। पार्टी ने राज्य में विकास, भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन, और युवाओं के लिए रोजगार को मुख्य मुद्दा बना लिया है। वहीं, महागठबंधन को जवाब देने के लिए भाजपा अपनी पुरानी रणनीतियों को लागू करते हुए चुनावी मैदान में उतरी है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि बिहार की जनता किसे चुनेगी – महागठबंधन को या बीजेपी को।