कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के सदस्य और 26/11 मुंबई हमलों के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत लाया गया है। यह घटना सुरक्षा एजेंसियों के लिए बड़ी सफलता मानी जा रही है, क्योंकि लंबे समय से भारत में इस आतंकवादी के खिलाफ कानूनी कार्यवाही की उम्मीद की जा रही थी।
भारत लाने के बाद त्वरित कार्यवाही
तहव्वुर राणा को भारत लाने की प्रक्रिया तेजी से पूरी की गई, और अब वह नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की निगरानी में है। कुछ ही देर में उसे NIA कोर्ट में पेश किया जाएगा, जहां उसके खिलाफ कई गंभीर आरोपों पर सुनवाई होगी।
आतंकी हमले में भूमिका:
तहव्वुर राणा का नाम 26/11 के मुंबई हमले में सामने आया था, जिसमें 170 से अधिक निर्दोष लोग मारे गए थे। राणा ने लश्कर-ए-तैयबा के साथ मिलकर हमले की योजना बनाई थी, और वह हमलावरों को समर्थन देने के लिए पाकिस्तान से भारत आया था। राणा को पहले कनाडा से गिरफ्तार किया गया था, और भारत के अनुरोध पर उसे कानूनी प्रक्रिया के तहत देश में लाया गया।
क्या हैं आरोप?
तहव्वुर राणा पर आतंकवादियों को समर्थन देने, आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और आतंकवादियों के लिए वित्तीय सहायता देने के आरोप हैं। भारत सरकार ने उसका प्रत्यर्पण संयुक्त राष्ट्र संघ की सुरक्षा परिषद की सिफारिश के तहत किया है, और भारत में उसकी न्यायिक प्रक्रिया को गंभीरता से लिया जा रहा है।
NIA की भूमिका:
NIA ने राणा के खिलाफ मजबूत सबूत एकत्र किए हैं, और अब उसे भारतीय न्यायिक प्रणाली के समक्ष प्रस्तुत करने के लिए पूरी तैयारी कर ली है। इस कार्रवाई से भारतीय सुरक्षा एजेंसियों की दृढ़ता और समर्पण को भी उजागर किया गया है, जो आतंकवाद के खिलाफ लगातार लड़ाई लड़ रही हैं।
भारत सरकार के सूत्रों के मुताबिक, राणा के प्रत्यर्पण को लेकर कानूनी प्रक्रिया में देरी नहीं हुई, और उसे जल्दी से भारत लाने के बाद कोर्ट में पेश किया गया है। NIA को उम्मीद है कि राणा को कोर्ट में त्वरित न्याय मिलेगा, और इसके साथ ही मुंबई हमलों के पीड़ितों को न्याय मिल सकेगा।
भारत और कनाडा का सहयोग:
कनाडा सरकार के साथ भारत का सहयोग भी इस मामले में महत्वपूर्ण था। राणा को पहले कनाडा में पकड़ा गया था, और भारत सरकार ने वहां के अधिकारियों से अनुरोध किया था कि राणा का प्रत्यर्पण किया जाए। कनाडा सरकार ने भारत के अनुरोध को स्वीकार किया और उसे भेजने की प्रक्रिया को पूरी किया।
आगे की कानूनी प्रक्रिया
अब जब तहव्वुर राणा को भारत लाया गया है, तो उसकी कानूनी प्रक्रिया की अगली स्टेज में NIA कोर्ट में सुनवाई होगी। यहां से तय होगा कि उसे कब तक जमानत मिल सकती है या फिर वह जेल में रहेगा। भारत की सुरक्षा एजेंसियां और सरकार आतंकवाद के खिलाफ जीतो का रुख लगातार बनाए रखने की कोशिश कर रही हैं और इस कदम से भारत को एक बड़ी विजय प्राप्त हुई है।