कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क।
डॉक्टर डेथ’ के नाम से कुख्यात देवेंद्र शर्मा की कहानी अपराध और क्रूरता की ऐसी मिसाल है, जो सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। बिहार के सिवान से BAMS करने वाला यह शख्स जयपुर के बांदीकुई में वर्षों तक एक सामान्य डॉक्टर की तरह क्लिनिक चलाता रहा, लेकिन जब पैसा डूबा तो उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया। देवेंद्र शर्मा ने सबसे पहले वर्ष 1984 से 11 वर्षों तक जयपुर के बांदीकुई में ‘जनता हॉस्पिटल एंड डायग्नोस्टिक’ नाम से क्लीनिक चलाया। इसी दौरान 1994 में जब उसकी करीब 11 लाख की रकम एक फर्जी गैस कंपनी में डूब गई, तो उसने अपराध का रास्ता अपना लिया। 1995 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के कस्बा छर्रा में देवेंद्र ने एक फर्जी गैस एजेंसी शुरू की। यहीं से उसने ट्रक चालकों की हत्या और ट्रकों को लूटने का सिलसिला शुरू किया। उसने भारत पेट्रोलियम की नकली एजेंसी के जरिए ट्रक बुलवाए, फिर गैस सिलेंडरों से भरे ट्रकों को लूटकर चालकों की निर्मम हत्या कर दी जाती थी।
देवेंद्र शर्मा ने पुलिस पूछताछ में खुलासा किया कि वह शवों को कासगंज की नहर में फेंक देता था। यह नहर नरौरा से आती है, जहां से छोड़ा गया पानी छोटे मगरमच्छों को बहाकर लाता है। नहर में ये मगरमच्छ शवों को खा जाते थे, जिससे कोई सबूत नहीं बचता है। देवेंद्र ने अपने इलाके के तीन लोगों उदयवीर, वेदवीर और राज के साथ मिलकर इस खौफनाक सिलसिले को अंजाम दिया। एक समय में उसने खुद कबूला कि वह दर्जनों ट्रक लूट चुका है और दर्जनों लोगों की हत्या कर चुका है। 2020 में जब देवेंद्र शर्मा को जेल से पैरोल पर छोड़ा गया, तो उसने दिल्ली में जाकर एक विधवा महिला से शादी कर ली और खुद को प्रॉपर्टी डीलर बताकर नई जिंदगी की शुरुआत करने का दिखावा किया। लेकिन उसकी असली पहचान और अपराध का अतीत छुप नहीं सका।
देवेंद्र उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले के छर्रा क्षेत्र के पुरैनी गांव का रहने वाला है। उसका भाई वर्तमान में उत्तराखंड के रुड़की में रह रहा है। गांव में अब उनका कोई नहीं रहता और घर पर ताला पड़ा रहता है। देवेंद्र शर्मा की कहानी बताती है कि किस तरह एक पढ़ा-लिखा इंसान लालच और झूठी महत्वाकांक्षा के चलते सीरियल किलर बन सकता है। डॉक्टर डेथ के नाम से कुख्यात इस अपराधी ने न सिर्फ लोगों की जान ली, बल्कि शवों को गायब करने के लिए उन्हें मगरमच्छों को खिलाकर सबूत मिटा दिए।