कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। मध्य प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) के तहत राज्य के गरीब और जरूरतमंद परिवारों को 1,000 घर देने की घोषणा की है। यह कदम राज्य सरकार द्वारा चलाए जा रहे सफाई अभियान का हिस्सा है, जिसका उद्देश्य न केवल शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता सुनिश्चित करना, बल्कि गरीबों को बेहतर और सुरक्षित आवास उपलब्ध कराना भी है। इस योजना के तहत उन परिवारों को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनके पास स्वयं का घर नहीं है और जो कच्चे मकानों में रह रहे हैं।
पीएमएवाई योजना का उद्देश्य और महत्व
प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY) का उद्देश्य देश के प्रत्येक नागरिक को छत देना है, खासकर उन गरीबों को जो कच्चे मकानों या अस्थायी ढांचों में रहते हैं। मध्य प्रदेश में इस योजना के तहत गरीब परिवारों को पक्के और सुरक्षित घर दिए जाएंगे, जिससे उनकी जीवनशैली में सुधार आएगा और उन्हें बेहतर जीवनयापन की सुविधा मिलेगी। राज्य सरकार द्वारा इस योजना को लागू करने के बाद, अब तक कई जिले इसके लाभ से लाभान्वित हो चुके हैं। इसके तहत मिलने वाले घरों में आधुनिक सुविधाएं जैसे साफ-सफाई, जल निकासी, बिजली और स्वच्छता को प्राथमिकता दी जाएगी। इस योजना के तहत घरों का निर्माण इस प्रकार से किया जाएगा कि वे पर्यावरण के अनुकूल और सस्ती हों, ताकि जरूरतमंदों को एक सुरक्षित, किफायती और सुविधाजनक आवास मिल सके।
सफाई अभियान और आवास योजना का संबंध
मध्य प्रदेश सरकार का यह कदम केवल आवास उपलब्ध कराने तक सीमित नहीं है। राज्य सरकार ने सफाई अभियान के तहत विभिन्न शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इस अभियान के तहत, पुराने कच्चे मकानों और झुग्गियों को हटाकर नए, मजबूत और स्वच्छ पक्के घर बनाए जा रहे हैं। इस प्रक्रिया में उन स्थानों पर सफाई कार्य भी चल रहा है जहां लोगों का जीवन स्तर खराब था। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि नए घरों में सभी आवश्यक स्वच्छता सुविधाएं जैसे पानी की सप्लाई, शौचालय, और स्वच्छ नालियां उपलब्ध हों। सरकार का उद्देश्य ऐसे घरों का निर्माण करना है जो न केवल सुरक्षित हों, बल्कि इनका निर्माण सामग्री के हिसाब से भी टिकाऊ और पर्यावरणीय दृष्टिकोण से उचित हो।
किसे मिलेगा लाभ?
इस योजना का मुख्य उद्देश्य उन गरीब परिवारों को लाभ पहुंचाना है जिनके पास खुद का घर नहीं है या जिनके पास रहने के लिए ठीक-ठाक व्यवस्था नहीं है। इन घरों का चयन पूरी तरह से सामाजिक और आर्थिक जनगणना (SECC) 2011 के आधार पर किया जाएगा, जो उन परिवारों को प्राथमिकता देगा जो सबसे ज्यादा जरूरतमंद हैं।
प्राथमिकता उन परिवारों को दी जाएगी जो निम्नलिखित श्रेणियों में आते हैं:
• कच्चे मकानों में रहने वाले लोग
• झुग्गियों और अस्थायी आवासों में रह रहे परिवार
• दिव्यांग, वृद्ध, और महिलाओं के नेतृत्व वाले परिवार
• वे लोग जिनके पास सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला है
स्थानीय प्रशासन की भूमिका
स्थानीय प्रशासन इस योजना के सफल क्रियान्वयन के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रशासन द्वारा उन स्थानों की पहचान की जा रही है जहां सबसे अधिक गरीब और असहाय लोग निवास कर रहे हैं। साथ ही, इन नए घरों का निर्माण करने के लिए ठेकेदारों और निर्माण कंपनियों के साथ साझेदारी की जा रही है, ताकि समय पर और गुणवत्ता वाले घर बनाए जा सकें। इसके अलावा, प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि इन घरों का वितरण पारदर्शी तरीके से हो और पात्र लोगों तक लाभ पहुंचे। इसके लिए ग्राम पंचायतों, नगर निगमों और जिला अधिकारियों को जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं, ताकि यह योजना किसी भी प्रकार की भ्रष्टाचार या अनियमितता से बची रहे।
राज्य सरकार की ओर से बयान
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस योजना की शुरुआत करते हुए कहा, “हमारी सरकार का उद्देश्य हर व्यक्ति को उसका हक दिलाना है, खासकर उन गरीबों को जो कच्चे मकानों में रहते हैं। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हम मध्य प्रदेश में हजारों परिवारों को अपने खुद के पक्के और सुरक्षित घर देंगे। यह केवल आवास की योजना नहीं है, बल्कि यह राज्य के स्वच्छता अभियान का एक अहम हिस्सा है, क्योंकि हम चाहते हैं कि हर नागरिक को न केवल घर मिले, बल्कि वह स्वच्छ, सुरक्षित और खुशहाल जीवन जी सके।” मध्य प्रदेश सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली वित्तीय सहायता को भी बढ़ाया है। अब राज्य सरकार द्वारा गरीब परिवारों को केवल घर उपलब्ध नहीं कराए जाएंगे, बल्कि उन्हें घरों की देखभाल और रखरखाव के लिए भी एक वित्तीय पैकेज दिया जाएगा। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इन घरों की अवस्था अच्छी रहे और इनका रखरखाव किसी भी हालत में न बिगड़े। मध्य प्रदेश में सफाई अभियान के तहत प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 1,000 गरीब परिवारों को घर देने का निर्णय एक सराहनीय कदम है, जो न केवल इन परिवारों को सुरक्षित आवास उपलब्ध कराएगा, बल्कि राज्य के स्वच्छता और विकास के लक्ष्यों को भी प्राप्त करने में मदद करेगा। इस पहल से राज्य के गरीबों के जीवन स्तर में सुधार होगा, और सरकार का यह कदम अन्य राज्यों के लिए एक आदर्श बन सकता है।