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मल्लिकार्जुन खरगे: सांप्रदायिक विभाजन के जरिए बुनियादी मुद्दों से भटकाया जा रहा ध्यान

भाजपा
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kanwhiz Times
  • Updated: April 8, 2025

कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मंगलवार को अहमदाबाद में कांग्रेस वर्किंग कमेटी (सीडब्ल्यूसी) की बैठक को संबोधित करते हुए देश में बढ़ते सांप्रदायिक विभाजन पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि आजकल सांप्रदायिकता के जरिए देश के बुनियादी मसलों से ध्यान भटकाया जा रहा है, जबकि दूसरी ओर, सामंती एकाधिकार देश के संसाधनों पर क़ब्ज़ा कर शासन को नियंत्रित करने की कोशिश कर रहे हैं।

कांग्रेस के खिलाफ षड्यंत्र
खरगे ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले कई वर्षों से कांग्रेस के राष्ट्रीय नायकों, जैसे सरदार पटेल और पंडित नेहरू, के बारे में एक सोचा-समझा षड्यंत्र चलाया जा रहा है। उनका कहना था कि कांग्रेस पार्टी, जो 140 वर्षों से देश की सेवा और संघर्ष का गौरवशाली इतिहास रखती है, के खिलाफ वातावरण तैयार किया जा रहा है। यह षड्यंत्र उन लोगों द्वारा रचा जा रहा है, जिनके पास अपनी उपलब्धियां दिखाने के लिए कुछ नहीं है।

सरदार पटेल और पंडित नेहरू के संबंध
खरगे ने सरदार पटेल और पंडित नेहरू के रिश्ते पर भी टिप्पणी की और इसे गलत तरीके से पेश करने की कोशिशों को नकारा। उन्होंने कहा कि दोनों नेता एक दूसरे के खिलाफ नहीं थे, बल्कि वह दोनों "सिक्के के दो पहलू" थे। खरगे ने 1937 में गुजरात विद्यापीठ में सरदार पटेल के एक भाषण का उल्लेख करते हुए बताया कि उस समय नेहरू कांग्रेस के अध्यक्ष थे और गुजरात के लोग चाहते थे कि नेहरू को प्रांतीय चुनाव में प्रचार के लिए बुलाया जाए। सरदार पटेल ने उस वक्त कहा था कि जब गुजरात कांग्रेस के प्रति अपनी वफादारी साबित करेगा, तो वे नेहरू का फूलों से स्वागत करेंगे।

इसके अलावा, 14 अक्टूबर 1949 को सरदार पटेल ने नेहरू के अभिनंदन ग्रंथ में लिखा था कि "नेहरू ने देश के लिए जो अथक परिश्रम किया है, वह मुझसे अधिक कोई नहीं जानता।" यह बातें सार्वजनिक रिकॉर्ड में दर्ज हैं, जो उनके बीच के मजबूत और स्नेहपूर्ण रिश्तों को दर्शाती हैं।

कांग्रेस की विचारधारा
खरगे ने कहा कि गांधी जी की वैचारिक विरासत ही असली पूंजी है जो केवल कांग्रेस पार्टी के पास है। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को अपने 140 साल के इतिहास में सबसे अधिक शक्ति गुजरात से मिली है, और अब वे फिर से गुजरात से प्रेरणा और शक्ति लेने के लिए यहां आए हैं। कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी स्पष्ट किया कि कांग्रेस की असली शक्ति देश की एकता, अखंडता और सामाजिक न्याय की विचारधारा में है, और आज इस विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए जरूरी है कि कांग्रेस सबसे पहले अपने संगठन को मजबूत करे।

 

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