कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
महाराष्ट्र के मालेगांव में 29 सितंबर 2008 को हुए बम धमाकों के मामले में एनआईए की विशेष अदालत ने बड़ा फैसला सुनाते हुए सभी सात आरोपियों को बरी कर दिया है। बरी किए गए आरोपियों में भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल (सेवानिवृत्त) प्रसाद पुरोहित, मेजर रमेश उपाध्याय, समीर कुलकर्णी, अजय राहिरकर, सुधाकर धर द्विवेदी उर्फ दयानंद पांडे और सुधाकर चतुर्वेदी शामिल हैं। इस धमाके में 6 लोगों की मौत हो गई थी और 100 से अधिक लोग घायल हुए थे। घटना रमजान और नवरात्रि के दौरान मालेगांव के भीखू चौक पर हुई थी। 17 साल चली लंबी सुनवाई के बाद अदालत ने 31 जुलाई 2025 को अपना फैसला सुनाया। इससे पहले 19 अप्रैल को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। जज ने कहा कि अभियोजन पक्ष यह साबित करने में असफल रहा कि बम आरोपी की मोटरसाइकिल में रखा गया था। जांच में कई प्रक्रियागत खामियां सामने आईं, जैसे कि घटनास्थल का फिंगरप्रिंट या अन्य वैज्ञानिक साक्ष्य एकत्र नहीं किए गए, और मेडिकल सर्टिफिकेट में भी गड़बड़ी पाई गई। साथ ही, कोर्ट ने यह भी कहा कि यूएपीए लागू करने की अनुमति कानूनी रूप से मान्य नहीं थी।यह मामला शुरू में महाराष्ट्र एटीएस को सौंपा गया था, जिसकी जांच शहीद आईपीएस अधिकारी हेमंत करकरे ने की थी। उन्होंने 12 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी, जिनमें से पांच पहले ही बरी हो चुके हैं। अब कोर्ट ने बाकी बचे सातों आरोपियों को भी बरी कर दिया है।