कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने शुक्रवार को रेपो रेट में 0.50% (50 आधार अंक) की बड़ी कटौती का ऐलान किया है, जिससे होम लोन, ऑटो लोन और अन्य बैंकिंग कर्ज सस्ते होने की उम्मीद है। इस कटौती से बैंकिंग सिस्टम में करीब 2.50 लाख करोड़ रुपये की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी, जिससे कर्ज वितरण बढ़ेगा और आर्थिक गतिविधियों में तेजी आएगी। आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने बताया कि इस निर्णय से रियल एस्टेट और ऑटोमोबाइल सेक्टर को मजबूती मिलेगी और उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। इससे पहले फरवरी और अप्रैल 2025 में भी रेपो रेट में 0.25-0.25% की कटौती की गई थी। इस प्रकार पिछले छह महीनों में कुल 1% की कटौती के साथ रेपो रेट अब 5.50% पर आ गया है।
रेपो रेट क्या है?
यह वह दर होती है जिस पर वाणिज्यिक बैंक आरबीआई से अल्पकालिक ऋण लेते हैं। जब यह दर घटती है, तो बैंकों के लिए कर्ज लेना सस्ता हो जाता है और इसका फायदा ग्राहकों को भी मिलता है।
EMI में क्या होगा असर?
विशेषज्ञों का मानना है कि इस कटौती के बाद EMI में कमी आएगी और होम लोन व ऑटो लोन की दरें नीचे जा सकती हैं। हालांकि, पिछले अनुभवों से यह भी सामने आया है कि बैंक हर बार पूरी राहत ग्राहकों तक नहीं पहुंचाते, लेकिन इस बार हालात अलग हो सकते हैं।
महंगाई पर भी असर:
आरबीआई ने कहा है कि इस कदम से महंगाई दर में भी कमी आने की संभावना है। साथ ही 2025-26 में देश की आर्थिक विकास दर 6.5%पर बनी रहने का अनुमान है, जिससे भारत लगातार तीसरे साल सबसे तेज़ बढ़ती अर्थव्यवस्था बना रहेगा।