कैनवीज़ टाइम्स , डिजिटल डेस्क ।
भारत के दिग्गज बल्लेबाज और कप्तान रोहित शर्मा ने बुधवार, 7 मई 2025 को टेस्ट क्रिकेट से संन्यास की घोषणा कर दी। उनका यह फैसला अचानक आया और क्रिकेट जगत में चर्चा का विषय बन गया। रोहित ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर करते हुए कहा, "सभी को नमस्ते, मैं यह बताना चाहता हूँ कि मैं टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले रहा हूं। सफेद जर्सी में अपने देश का प्रतिनिधित्व करना मेरे लिए सम्मान की बात है। इतने सालों में मिले प्यार और समर्थन के लिए आप सभी का शुक्रिया। मैं वनडे फॉर्मेट में भारत का प्रतिनिधित्व करना जारी रखूंगा।"
हालांकि, उनके संन्यास की घोषणा के तुरंत बाद ही सोशल मीडिया पर बहस शुरू हो गई कि क्या रोहित को बीसीसीआई द्वारा रिटायरमेंट के लिए मजबूर किया गया? रिपोर्ट्स के मुताबिक, रोहित शर्मा को उनके रिटायरमेंट से एक घंटे पहले बीसीसीआई ने सूचित कर दिया था कि वह इंग्लैंड दौरे पर टेस्ट टीम के कप्तान नहीं होंगे। इस खबर के सामने आने के बाद से यह अटकलें तेज हो गई हैं कि रोहित ने यह फैसला स्वेच्छा से नहीं बल्कि मजबूरी में लिया है।
रोहित शर्मा का टेस्ट करियर उतार-चढ़ाव भरा रहा है। 2013 में वेस्टइंडीज के खिलाफ डेब्यू करने वाले रोहित ने कुल 67 टेस्ट मैचों में 4301 रन बनाए, जिसमें 12 शतक और 18 अर्धशतक शामिल हैं। उनकी सर्वश्रेष्ठ पारी 212 रन की रही। लेकिन पिछले एक साल में उनका प्रदर्शन निराशाजनक रहा।
2024 में प्रदर्शन: 14 टेस्ट मैच, 26 पारियों में 24.76 की औसत से 619 रन।
2024 के अंतिम 9 पारियों में रन: केवल 68 रन।
गिरते प्रदर्शन के कारण उन पर लगातार दबाव था और बीसीसीआई द्वारा उन्हें कप्तानी से हटाने की खबरों ने इस दबाव को और बढ़ा दिया।
रिपोर्ट्स के अनुसार, बीसीसीआई ने रोहित शर्मा को इंग्लैंड दौरे के लिए टेस्ट कप्तानी से हटाने का फैसला पहले ही कर लिया था। जैसे ही यह खबर रोहित तक पहुंची, उन्होंने अचानक रिटायरमेंट की घोषणा कर दी। इस पूरे मामले में बीसीसीआई की चुप्पी और रोहित का तुरंत रिटायरमेंट लेना, दोनों ने विवाद को और हवा दी।रोहित शर्मा के रिटायरमेंट की खबर के बाद सोशल मीडिया पर फैंस ने नाराजगी जताई। कई फैंस का कहना है कि रोहित को उनकी खराब फॉर्म के कारण जबरदस्ती रिटायरमेंट लेने पर मजबूर किया गया, जबकि कुछ का मानना है कि यह उनका निजी फैसला था।
क्या रोहित की विदाई सही थी?
रोहित शर्मा का टेस्ट से अचानक संन्यास लेना भारतीय क्रिकेट में एक बड़ी घटना है। जहां एक ओर फैंस उन्हें सफेद जर्सी में और खेलते देखना चाहते थे, वहीं दूसरी ओर बीसीसीआई के फैसले पर सवाल उठ रहे हैं। क्या यह वास्तव में रोहित का निजी फैसला था या उन्हें मजबूर किया गया? यह सवाल अभी भी चर्चा का विषय बना हुआ है।