कैनवीज़ टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
चीन की वन-चाइल्ड पॉलिसी ने देश में लिंग अनुपात को इस कदर बिगाड़ दिया है कि अब करोड़ों पुरुषों को शादी के लिए दुल्हन नहीं मिल रही। दशकों तक चली इस नीति में ज्यादातर परिवार बेटे की चाह में बेटियों को जन्म देने से कतराते रहे। इसका नतीजा यह हुआ कि साल 2000 में हर 100 लड़कियों पर 121 लड़कों का अनुपात दर्ज किया गया। स्थिति इतनी गंभीर हो गई है कि 2020 से 2050 के बीच चीन में लगभग 3 से 5 करोड़ पुरुषों की शादी नहीं हो पाएगी। अब ये युवक दुल्हन की तलाश में पाकिस्तान, बांग्लादेश जैसे पड़ोसी देशों का रुख कर रहे हैं। वहां एजेंट गरीब परिवारों की लड़कियों को पैसे का लालच देकर चीन भेज रहे हैं, जहां उन्हें बेहतर जीवन का सपना दिखाया जाता है। लेकिन असल में कई लड़कियों का यौन शोषण और दुर्व्यवहार होता है। इस स्थिति से चिंतित चीन की सरकार ने अब अपने नागरिकों से अपील की है कि वे विदेशी लड़कियों को खरीदकर न लाएं। सरकार ने चेतावनी दी है कि ऐसी गतिविधियां मानव तस्करी के अंतर्गत आती हैं और इसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस सामाजिक संकट ने चीन के सामने न केवल विवाह से जुड़ी समस्याएं खड़ी कर दी हैं, बल्कि मानवाधिकार और महिला सुरक्षा जैसे मुद्दों को भी जन्म दिया है।