कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
क्या आपने कभी सोचा है कि सिगरेट की लत से छुटकारा पाना इतना मुश्किल क्यों होता है? क्या ऐसा केवल इच्छाशक्ति की कमी की वजह से होता है, या फिर इसके पीछे कुछ वैज्ञानिक कारण छिपे हैं? इस जटिल सवाल का जवाब हमें मिलता है मैक्स हॉस्पिटल वैशाली के पल्मोनोलॉजी विभाग के एचओडी डॉ. शरद जोशी से। डॉ. जोशी के अनुसार, सिगरेट में मौजूद निकोटिन नामक रसायन हमारे दिमाग पर सीधा असर डालता है। जैसे ही आप सिगरेट का एक कश लेते हैं, निकोटिन कुछ ही सेकंड में मस्तिष्क तक पहुंच जाता है और डोपामाइन नामक रसायन का स्त्राव शुरू कर देता है। यह डोपामाइन वही केमिकल है जो हमें खुशी, संतुष्टि और सुकून का अनुभव कराता है। डॉ. जोशी बताते हैं कि यही डोपामिन रिलीजिंग सिस्टम समय के साथ सिगरेट को एक आदत नहीं, बल्कि ज़रूरत बना देता है। जब कोई व्यक्ति सिगरेट छोड़ने की कोशिश करता है, तो उसका दिमाग उस डोपामिन की कमी महसूस करता है, जिससे तनाव, चिड़चिड़ापन और बेचैनी होने लगती है। यही वो समय होता है जब ज्यादातर लोग फिर से सिगरेट की ओर लौट जाते हैं। इसलिए, सिगरेट की लत छोड़ना केवल मानसिक दृढ़ता की बात नहीं है, बल्कि इसमें दिमाग की गहराई से समझ और सही चिकित्सकीय मदद की जरूरत होती है।