एंटरटेनमेंट डेस्क,लखनऊ। सिनेमा का अद्वितीय प्रभाव दर्शकों पर हमेशा रहा है, क्योंकि यह हमें हंसने, रोने, सोचने और जीवन के विभिन्न पहलुओं को अनुभव करने का मौका देता है। यही नहीं, सिनेमा समाज को जोड़ने का एक शक्तिशाली माध्यम भी है। फिल्म निर्माता सुधीर मिश्रा ने इस विचार को जोर देते हुए कहा कि सिनेमा को टैक्स फ्री किया जाना चाहिए ताकि फिल्म निर्माता बेहतर और प्रभावशाली फिल्में बना सकें। यह उनके लिए भी एक महत्वपूर्ण अवसर होगा और फिल्म इंडस्ट्री को एक नया दिशा मिलेगी।
सुधीर मिश्रा अपनी इस मांग को जागरण फिल्म फेस्टिवल (JFF 2024) के शुभारंभ के मौके पर रख रहे थे, जो दिल्ली के सिरी फोर्ट ऑडिटोरियम में आयोजित हुआ। इस मौके पर उन्होंने कहा, "सिनेमा केवल एक मनोरंजन का माध्यम नहीं है, यह एक तरह की जनसेवा है, जो समाज के विभिन्न पहलुओं को दर्शाता है।" उन्होंने आगे कहा कि जब फिल्में बेहतर बनती हैं, तो वे दर्शकों को नए दृष्टिकोण और विचार देती हैं, जो समाज के विकास में योगदान करते हैं।
सुधीर मिश्रा ने यह भी बताया कि फिल्म निर्माताओं को उन विचारों और संदेशों को व्यक्त करने के लिए पूरी स्वतंत्रता और मौके मिलने चाहिए, जो समाज में बदलाव ला सकते हैं। उनका मानना है कि टैक्स फ्री सिनेमा से फिल्म निर्माता बिना किसी वित्तीय दबाव के अपनी कला को बेहतरीन तरीके से प्रस्तुत कर सकते हैं, और इससे सिनेमा उद्योग को मजबूती मिलेगी।
यह सुझाव फिल्म इंडस्ट्री में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है, जो न केवल फिल्म निर्माताओं के लिए, बल्कि समाज के लिए भी लाभकारी हो सकता है।