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सब्सक्रिप्शन के लिए फिजिक्सवाला का आईपीओ लॉन्च, पहले दिन फीका रिस्पॉन्स

नई दिल्ली
  • By Kanhwizz Times
  • Reported By: Kritika pandey
  • Updated: November 11, 2025

एडटेक फर्म फिजिक्सवाला के 3,480 करोड़ रुपये का आईपीओ आज सब्सक्रिप्शन के लिए लॉन्च कर दिया गया। इस आईपीओ में 13 नवंबर तक बोली लगाई जा सकती है। इश्यू की क्लोजिंग के बाद 14 नवंबर को शेयरों का अलॉटमेंट किया जाएगा, जबकि 17 नवंबर को अलॉटेड शेयर डीमैट अकाउंट में क्रेडिट कर दिए जाएंगे। कंपनी के शेयर 18 नवंबर को बीएसई और एनएसई पर लिस्ट हो सकते हैं। शाम पांच बजे तक ये पब्लिक इश्यू सिर्फ 0.08 गुना सब्सक्राइब हो सका था। इस आईपीओ में बोली लगाने के लिए 103 रुपये से लेकर 109 रुपये प्रति शेयर का प्राइस बैंड तय किया गया है, जबकि लॉट साइज 137 शेयर का है। इस आईपीओ में रिटेल इनवेस्टर्स कम से कम 1 लॉट यानी 137 शेयरों के लिए बोली लगा सकते हैं, जिसके लिए उन्हें 14,933 रुपये का निवेश करना होगा। इसी तरह रिटेल इनवेस्टर 1,94,129 रुपये के निवेश से अधिकतम 13 लॉट के लिए बोली लगा सकते हैं। इस आईपीओ के तहत 1 रुपये फेस वैल्यू वाले 3,100 करोड़ रुपये के 28,44,03,669 नए शेयर जारी हो रहे हैं। इसके अलावा 380 करोड़ रुपये के 3,48,62,385 शेयर ऑफर फॉर सेल विंडो के जरिये बेचे जाएंगे। आईपीओ खुलने से एक कारोबारी दिन पहले 10 नवंबर को फिजिक्सवाला ने 57 एंकर इनवेस्टर्स से 1,562.85 करोड़ रुपये जुटाए। इन एंकर इनवेस्टर्स में आईसीआईसीआई प्रुडेंशियल फ्लेक्सी कैप फंड, स्मॉलकैप वर्ल्ड फंड, कोटक महिंद्रा ट्रस्टी कंपनी लिमिटेड, निप्पॉन लाइफ इंडिया ट्रस्टी लिमिटेड, फ्रैंकलिन टेम्पलटन इनवेस्टमेंट फंड्स, गोल्डमैन सैक्स फंड, फिडिलिटी पैसिफिक फंड, आदित्य बिड़ला सनलाइफ ट्रस्टी प्राइवेट लिमिटेड जैसे प्रमुख नाम भी शामिल हैं। इस आईपीओ में क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल बायर्स (क्यूआईबी) के लिए 74.83 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व किया गया है। इसके अलावा रिटेल इनवेस्टर्स के लिए 9.98 प्रतिशत हिस्सा, नॉन इंस्टीट्यूशनल इनवेस्टर्स (एनआईआई) के लिए 14.97 प्रतिशत हिस्सा और एंप्लॉयीज के लिए 0.22 प्रतिशत हिस्सा रिजर्व है। इस इश्यू के लिए कोटक महिंद्रा कैपिटल कंपनी लिमिटेड को बुक रनिंग लीड मैनेजर बनाया गया है। वहीं एमयूएफजी इनटाइम इंडिया प्राइवेट लिमिटेड को रजिस्ट्रार बनाया गया है। कंपनी की वित्तीय स्थिति की बात करें, तो कैपिटल मार्केट रेगुलेटर सेबी के पास जमा कराए गए ड्राफ्ट रेड हेरिंग प्रॉस्पेक्टस (डीआरएचपी) में किए गए दावे के मुताबिक इसकी वित्तीय सेहत में उतार चढ़ाव होता रहा है। वित्त वर्ष 2022-23 में कंपनी को 84.08 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हुआ था, जो अगले वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 1,131.13 करोड़ रुपये और 2024-25 में कम होकर 243.26 करोड़ रुपये के स्तर पर पहुंच गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 127.01 करोड़ रुपये का शुद्ध घाटा हो चुका है। इस दौरान कंपनी की राजस्व प्राप्ति में लगातार बढ़ोतरी हुई। वित्त वर्ष 2022-23 में इसे 772.54 करोड़ का कुल राजस्व प्राप्त हुआ, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 2,015.35 करोड़ और वित्त वर्ष 2024-25 में उछल कर 3,039.09 करोड़ रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 में कंपनी को 905.41 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हो चुका है। इस अवधि में कंपनी के कर्ज की स्थिति में उतार चढ़ाव होता रहा। वित्त वर्ष 2022-23 के अंत में कंपनी पर 956.15 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था, जो वित्त वर्ष 2023-24 में बढ़ कर 1,687.40 करोड़ रुपये और वित्त वर्ष 2024-25 में कम होकर 33 लाख रुपये के स्तर पर आ गया। मौजूदा वित्त वर्ष की पहली तिमाही यानी अप्रैल से जून 2025 की बात करें, तो इस दौरान कंपनी पर 1.55 करोड़ रुपये के कर्ज का बोझ था।

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