कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क।दिल्ली-एनसीआर में भूकंप के झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता कम थी, फिर भी झटके तेज महसूस हुए। इसका मुख्य कारण क्षेत्र की भूकंपीय संवेदनशीलता है।
दिल्ली-एनसीआर की भूकंपीय संवेदनशीलता:
• सिस्मिक जोन: दिल्ली-एनसीआर सिस्मिक जोन-4 में स्थित है, जो भूकंप के लिहाज से संवेदनशील माना जाता है।
• फॉल्ट लाइन्स: यह क्षेत्र सोहना फॉल्ट लाइन, मथुरा फॉल्ट लाइन और दिल्ली-मुरादाबाद फॉल्ट लाइन पर स्थित है, जहां धरती के अंदर हलचल होती रहती है।
भूकंप के झटकों का अनुभव:
• तीव्रता और दूरी: भूकंप की तीव्रता कम होने पर भी, यदि भूकंप का केंद्र दिल्ली-एनसीआर के निकट होता है, तो झटके अधिक महसूस हो सकते हैं।
• भूकंपीय तरंगों का प्रभाव: भूकंप की तरंगें मिट्टी और चट्टानों के माध्यम से फैलती हैं। यदि क्षेत्र की मिट्टी भूकंपीय तरंगों को अधिक प्रभावी ढंग से संचालित करती है, तो झटके अधिक महसूस हो सकते हैं।
विशेषज्ञों की राय:
नेशनल सेंटर फॉर सिस्मोलॉजी के अनुसार, दिल्ली में फिलहाल किसी बड़े भूकंप की आशंका नहीं है। विशेषज्ञों का मानना है कि बार-बार छोटे भूकंप के आने से धरती के अंदर की गर्मी बाहर निकल जाती है, जिससे बड़े भूकंप की संभावना कम होती है।