कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क ।दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 में प्रचार अब थम चुका है, लेकिन इस बार का चुनाव पहले से अलग नजर आ रहा है। दिल्ली के चुनावी समीकरण में अचानक बदलाव क्यों आया, इसके पीछे कुछ नए विवाद और रणनीतियाँ हैं, जिनका असर मतदान और परिणामों पर पड़ सकता है।
1. नए मुद्दों का उभरना:
इस चुनाव में पहले से अलग, कई नए मुद्दे उभरकर सामने आए हैं। शिक्षा, स्वास्थ्य और महंगाई जैसे पारंपरिक मुद्दों के अलावा, कुछ खास विवाद और सामाजिक मुद्दों ने चुनावी माहौल को प्रभावित किया है।
2. नेता का विरोध और उनके बयान:
कुछ प्रमुख नेताओं के बयान और विवादों ने चुनावी माहौल को गरम कर दिया। कई बार व्यक्तिगत हमले और बयानबाजी ने सियासी तनाव को बढ़ाया, जिससे पार्टी और उनके समर्थक अलग-अलग बयानों को लेकर उलझते नजर आए।
3. गठबंधन और पार्टियों का समर्थन:
चुनाव के समीकरण में गठबंधन भी अहम भूमिका निभा रहे हैं। दिल्ली के कुछ प्रमुख दलों ने अन्य छोटी पार्टियों से गठबंधन किया है, जिससे उनका वोट बैंक बढ़ने की उम्मीद जताई जा रही है। हालांकि, ये गठबंधन कहीं न कहीं मतदाता के लिए भ्रम भी उत्पन्न कर रहे हैं।
4. सोशल मीडिया और डिजिटल प्रचार:
इस बार का चुनाव सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ज्यादा फोकस कर प्रचारित किया गया है। विभिन्न मुद्दों पर सोशल मीडिया पर सक्रिय रहने वाले नेता, समर्थक और विपक्षी पार्टियां हर कदम पर एक-दूसरे पर पलटवार कर रही हैं।