कैनविज टाइम्स,धर्म डेस्क। संकष्टी चतुर्थी का व्रत खास तौर पर गणेश जी की पूजा से जुड़ा हुआ होता है, लेकिन यदि आप आर्थिक तंगी से छुटकारा पाना चाहते हैं, तो इस दिन देवी लक्ष्मी की पूजा भी की जाती है। संकष्टी चतुर्थी, जिसे “संकष्टी व्रत” भी कहा जाता है, हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर महीने की चतुर्थी को मनाई जाती है, जो खासतौर पर गणेश भक्तों के लिए महत्वपूर्ण होती है।
संकष्टी चतुर्थी 2025 की तिथि 18 मार्च को पड़ रही है। इस दिन गणेश जी की पूजा के साथ-साथ देवी लक्ष्मी की पूजा करने से धन-संपत्ति की कमी दूर हो सकती है। खासकर व्यापार, नौकरी या धन संबंधी समस्याओं से मुक्ति के लिए यह दिन शुभ माना जाता है।
देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए निम्नलिखित विधि अपनाएं:
1. स्नान करके स्वच्छ स्थान पर बैठें और देवी लक्ष्मी का ध्यान करें।
2. देवी लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र को सुंदर वस्त्रों से सजाएं।
3. पूजा स्थल को स्वच्छ रखें और वहाँ दीपक, अगरबत्ती और पुष्प चढ़ाएं।
4. देवी लक्ष्मी के मंत्र का जाप करें:
“ॐ श्रीं ह्लीं श्रीं महालक्ष्मि स्वाहा”
या
“ॐ श्रीं महालक्ष्मि नमः”
5. इस दिन विशेष रूप से सोने-चांदी या धन से जुड़ी वस्तुओं को पूजा में शामिल करने से लाभ होता है।
6. पूजा के बाद, घर के सभी सदस्य एक साथ भोग का प्रसाद ग्रहण करें और आपस में धन, सुख-समृद्धि की कामना करें।
साथ ही, संकष्टी चतुर्थी के दिन गणेश जी की पूजा से आपकी आर्थिक परेशानियों का समाधान हो सकता है, क्योंकि गणेश जी विघ्नों के नाशक और समृद्धि देने वाले देवता माने जाते हैं।
यह दिन विशेष रूप से सच्ची श्रद्धा और विश्वास के साथ पूजा करने से आपके जीवन में समृद्धि और खुशहाली ला सकता है।