कैनविज टाइम्स,राजनीतिक डेस्क। सुप्रीम कोर्ट ने पेगासस जासूसी मामले में एक अहम और बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने इस संवेदनशील मुद्दे पर गठित तकनीकी पैनल की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करने की मांग को खारिज कर दिया है। अदालत ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय सुरक्षा और संप्रभुता से संबंधित मामलों की जानकारी सार्वजनिक करना उचित नहीं है, क्योंकि इससे देश की सुरक्षा को खतरा हो सकता है।
सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी: मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा, "यह रिपोर्ट कोई सार्वजनिक बहस का मुद्दा नहीं है। यह देश की सुरक्षा से जुड़ा मामला है और इसे सड़क पर चर्चा के लिए नहीं खोला जा सकता।" कोर्ट ने यह भी कहा कि कुछ जानकारियाँ सार्वजनिक होने पर "राष्ट्रहित" को नुकसान पहुंच सकता है।
क्या है पेगासस मामला?
पेगासस एक इजराइली स्पायवेयर है, जिसका उपयोग कथित रूप से भारत सहित कई देशों में पत्रकारों, राजनेताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और अन्य प्रमुख व्यक्तियों की जासूसी के लिए किया गया था। भारत में यह मुद्दा 2021 में उस समय बड़ा विवाद बना जब अंतरराष्ट्रीय मीडिया समूहों ने दावा किया कि कई भारतीय नागरिकों के फोन पेगासस द्वारा हैक किए गए। सुप्रीम कोर्ट ने इन आरोपों की जांच के लिए एक स्वतंत्र तकनीकी समिति का गठन किया था, जिसने विस्तृत जांच के बाद रिपोर्ट कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत की थी। हालांकि, अब कोर्ट ने साफ किया है कि यह रिपोर्ट गोपनीय रहेगी और इसे सार्वजनिक नहीं किया जाएगा।
राजनीतिक प्रतिक्रिया:
सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले के बाद राजनीतिक हलकों में मिली-जुली प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। विपक्ष इसे पारदर्शिता के खिलाफ मान रहा है, जबकि सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोपरि है।