कैनविज टाइम्स,धर्म डेस्क। रंग पंचमी हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण पर्व है, जिसे विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण के साथ उनके लीला स्थल मथुरा-वृंदावन में धूमधाम से मनाया जाता है। यह पर्व होली के अगले दिन मनाया जाता है, और इसमें खासकर भगवान कृष्ण की पूजा की जाती है। रंग पंचमी पर कृष्ण भक्त उनकी रासलीला और मुरली वाले के आशीर्वाद की कामना करते हैं।
रंग पंचमी की पूजा में भगवान श्री कृष्ण की विशेष पूजा होती है, जिसमें उनकी आरती और भजन महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। कृष्ण की आरती के बिना पूजा अधूरी मानी जाती है।
यहां पर एक प्रसिद्ध कृष्ण की आरती दी जा रही है, जो रंग पंचमी के दिन जरूर करनी चाहिए:
श्री कृष्ण आरती
जय कृष्ण हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा।
जय कृष्ण हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा।
कृष्ण मुरारी के चरणों में बसा सुख,
जो सुख पाया वो सारा तुझसे ही है।
तेरी मुरली की तान बसी,
मुझे बसा लिया तुने ही।
तेरे चरणों में बसा संसार,
तुझसे ही है जगत का प्यार।
जय कृष्ण हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा।
जय कृष्ण हरे मुरारी, हे नाथ नारायण वासुदेवा।
यह आरती भगवान श्री कृष्ण के गुणगान में है और रंग पंचमी के दिन उनके प्रति श्रद्धा को प्रकट करने का एक बेहतरीन तरीका है। इस दिन खासकर कृष्ण भक्त अपने घरों में रंगों से सजावट करते हैं, व्रत रखते हैं, और कृष्ण की पूजा करते हैं। इसके साथ-साथ भजन, कीर्तन, और कृष्ण की मुरली का संगीत वातावरण को भक्तिमय बना देता है।
यदि आप रंग पंचमी की पूजा सही तरीके से करते हैं और ऊपर दी गई आरती का उच्चारण करते हैं, तो मुरली वाले की कृपा से आपके जीवन में सुख-समृद्धि और आशीर्वाद की वर्षा होगी।