जम्मू-कश्मीर बडगाम में कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की सरकारी ऑफिस के भीतर आतंकियों ने गोली मार कर हत्या कर दी। इसके विरोध में लोगों का आक्रोश सड़क पर दिखा। जगह-जगह प्रदर्शन हुए। आक्रोश में 98 कश्मीरी पंडितों ने सरकारी नौकरी से त्याग पत्र दे दिया।
बातें
- राहुल भट्ट की हत्या के विरोध में 98 कश्मीरी पंडितों ने सरकारी नौकरी से सामूहिक इस्तीफा दे दिया।
- कश्मीरी पंडितों ने अपनी सुरक्षा की मांग की।
- राहुल की हत्या के विरोध में कश्मीरी पंडितों ने सड़कों पर विरोध प्रदर्शन किया।
कश्मीरी पंडित राहुल भट्ट की हत्या के बाद लोगों का गुस्सा फूट पड़ा है। जम्मू-कश्मीर में जगह-जगह प्रदर्शन हो रहे हैं। बडगाम में सड़कों पर प्रदर्शन किया गया। सुरक्षाकर्मियों के साथ झड़प हुई। लोगों का आक्रोश सड़क पर दिख रहा है। इतना ही नहीं राहुल की हत्या के विरोध में कश्मीरी पंडितों ने सामूहिक इस्तीफा दिया है। कश्मीर में 98 कश्मीरी पंडितों ने आक्रोश मे सरकारी नौकरी छोड़ी दी। कश्मीरी पंडितों ने अपनी सुरक्षा की मांग की। गौर हो कि गुरुवार को सरकारी ऑफिस में राहुल भट्ट की हत्या हुई थी।
राहुल भट्ट का परिवार भी बेटे के लिए इंसाफ की मांग कर रहा है। राहुल के पिता का बड़ा बयान सामने आया है। राहुल के पिता ने कहा है कि नाम पूछकर मेरे बेटे को गोली मारी गई है। तहसील ऑफिस में आतंकियों ने पहले पूछा राहुल भट्ट कौन है….और फिर गोली मार दी। उधर राहुल की मौत के विरोध में प्रदर्शन भी हो रहे हैं। बडगाम में प्रदर्शनकारियों ने सुरक्षाबलों के साथ धक्का मुक्की की तो सुरक्षाबलों ने भी लाठीचार्ज, आंसू गैस के गोले छोड़े। बडगाम इलाके में सुरक्षा को और बढ़ा दिया गया है। दक्षिण कश्मीर में पंडितों का ऐसा प्रदर्शन 32 साल बाद देखने को मिला।
राहुल भट्ट की मौत के विरोध में खीर भवानी मंदिर में भी प्रदर्शन किया गया। लोगों ने राहुल को इंसाफ देने की मांग की। राहुल के कातिलों को उनके अंजाम तक पहुंचाने के बात की। लोग राहुल की फोटो के सामने धरने पर बैठ गए। पोस्टर और बैनर लगाए। जिनपर जस्टिस फॉर राहुल और राहुल को इंसाफ कब तक लिखा हुआ था। काजीगुंड में भी लोगों ने राहुल की तस्वीर रखकर प्रदर्शन किया