कैनविज टाइम्स,डिजिटल डेस्क। हाल ही में वक्फ कानून में किए गए 14 महत्वपूर्ण संशोधनों ने वक्फ बोर्डों में महिलाओं और गैर-मुस्लिमों की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। इन बदलावों के माध्यम से वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता और समावेशिता बढ़ाने का प्रयास किया गया है।
मुख्य बदलाव:
वक्फ बोर्ड में महिलाओं और गैर-मुस्लिमों की भागीदारी: संशोधनों के तहत, वक्फ बोर्डों में महिलाओं और गैर-मुस्लिमों के लिए सीटें आरक्षित की गई हैं, जिससे इन समुदायों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित हो सके।
वक्फ संपत्तियों की वेबसाइट पर जानकारी का सार्वजनिककरण: अब सभी वक्फ संपत्तियों की जानकारी छह महीने के भीतर संबंधित वेबसाइटों पर प्रकाशित करना अनिवार्य होगा, जिससे संपत्तियों की स्थिति और उपयोगिता में पारदर्शिता आएगी।
विवादित संपत्तियों के दान पर प्रतिबंध: विवादित संपत्तियों को वक्फ में दान करने पर रोक लगाई गई है, जिससे संपत्ति विवादों में कमी आएगी।
वक्फ ट्रिब्यूनल में मुस्लिम कानून विशेषज्ञ की नियुक्ति: वक्फ ट्रिब्यूनल में अब मुस्लिम कानून और न्यायशास्त्र के जानकार व्यक्तियों की नियुक्ति होगी, जिससे निर्णयों की गुणवत्ता में सुधार होगा।
वक्फ बोर्डों की शक्तियों में संशोधन: वर्तमान कानून में वक्फ बोर्डों को दी गई कुछ शक्तियों में संशोधन किया गया है, जिससे बोर्डों के कार्यों में संतुलन और नियंत्रण सुनिश्चित हो सके।
विरोध और चिंताएं:
इन संशोधनों के बाद, कुछ मुस्लिम संगठनों और समुदायों ने विरोध जताया है। उनका कहना है कि इन बदलावों से वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण कमजोर होगा और धार्मिक मामलों में बाहरी हस्तक्षेप बढ़ सकता है। ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने भी इन संशोधनों का विरोध किया है।
सरकार का पक्ष:
सरकार का कहना है कि इन संशोधनों का उद्देश्य वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन में पारदर्शिता लाना और मुस्लिम महिलाओं और बच्चों के अधिकारों की रक्षा करना है। सरकार का मानना है कि इन बदलावों से वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग में कमी आएगी और समाज के सभी वर्गों को लाभ होगा।
कुल मिलाकर, वक्फ कानून में किए गए ये बदलाव वक्फ बोर्डों में विविधता और समावेशिता बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं, लेकिन इनके प्रभाव और कार्यान्वयन पर आगे की चर्चा और विचार-विमर्श की आवश्यकता है।