कैनविज टाइम्स, डिजिटल डेस्क ।
एक हालिया ग्लोबल स्टडी में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि पेट का कैंसर, जिसे मेडिकल भाषा में गैस्ट्रिक कैंसर कहा जाता है, भारत में तेजी से बढ़ रहा है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) और इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर (IARC) की संयुक्त रिपोर्ट के मुताबिक, साल 2008 से 2017 के बीच जन्मे 1.5 करोड़ से ज्यादा लोगों को जीवनकाल में कभी न कभी गैस्ट्रिक कैंसर हो सकता है। चीन के बाद भारत दूसरा देश हो सकता है, जहां पेट के कैंसर के सबसे ज्यादा मामले सामने आएंगे। यह कैंसर मौतों के कारणों में पांचवे स्थान पर आता है, और इसकी सबसे बड़ी चुनौती है — शुरुआती लक्षणों का न पता चल पाना। यही वजह है कि इसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है।
गैस्ट्रिक कैंसर के कारण
खराब खानपान: ज्यादा मसालेदार, तला-भुना और प्रोसेस्ड फूड।
हेलिकोबैक्टर पायलोरी संक्रमण (Helicobacter pylori bacteria)।
धूम्रपान और शराब का सेवन।
परिवार में कैंसर का इतिहास।
तनाव और अनियमित जीवनशैली।
लक्षण जो नहीं करने चाहिए नजरअंदाज
पेट में जलन और अपच
भूख में कमी और वजन घटने लगना
पेट में दर्द और असहजता
खून की उल्टी या मल में खून
थकान और कमजोरी
बचाव के उपाय
हेल्दी डाइट लें जिसमें फल, सब्जियां और फाइबर हो।
ताजे और कम नमक वाले खाद्य पदार्थों का सेवन करें।
धूम्रपान और शराब से बचें।
हेलिकोबैक्टर पायलोरी संक्रमण का समय रहते इलाज कराएं।
नियमित हेल्थ चेकअप कराते रहें, खासकर यदि फैमिली हिस्ट्री हो।
गैस्ट्रिक कैंसर से बचना संभव है, यदि समय रहते इसके लक्षणों को पहचाना जाए और जीवनशैली में बदलाव किया जाए। यह एक गंभीर लेकिन रोकथाम योग्य बीमारी है। सही जानकारी और सजगता से इससे निपटा जा सकता है।